Folk singer Neha Singh Rathore case : लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ देशद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह प्राथमिकी कवि अभय प्रताप सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है। नेहा सिंह राठौर ने अपने एक्स हैंडल के जरिए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और सोशल मीडिया मंच पर ऐसे वीडियो और पोस्ट साझा किए जिनका राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। मुकदमे में राठौर पर धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बातया कि यह प्राथमिकी कवि अभय प्रताप सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है। पुलिस सूत्रों ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बताया कि नेहा सिंह राठौर ने अपने एक्स हैंडल के जरिए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और सोशल मीडिया मंच पर ऐसे वीडियो और पोस्ट साझा किए जिनका राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
उन्होंने बताया कि मुकदमे में राठौर पर धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि राठौर ने पहलगाम हमले में निर्दोष पीड़ितों की मौत पर सवाल उठाए और राष्ट्र विरोधी बयान दिए, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की आशंका उत्पन्न हुई। उनके बयान पाकिस्तान में वायरल हो गए हैं, जहां मीडिया द्वारा उनका इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार के लिए किया जा रहा है।
हजरतगंज पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196(1)(ए) (धर्म, जाति, भाषा, नस्ल या समुदाय के आधार पर दुश्मनी, घृणा या बैर को बढ़ावा देना), 196(1)(बी) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना, 197(1)(ए) (किसी वर्ग को धार्मिक, जातीय, भाषाई या क्षेत्रीय आधार पर भारत के संविधान के प्रति सच्चा निष्ठावान और श्रद्धावान नहीं होने का आरोप लगाना), 197(1)(बी) (यह प्रचार करना कि किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को उनके धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर नागरिक अधिकारों से वंचित किया जाना चाहिए), 197(1)(सी) किसी धार्मिक, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूह या जाति या समुदाय के सदस्यों को भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा नहीं रखने का आरोप लगाना), 197(1)(डी) (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप या दावा करने), 353(1)(सी) जानबूझकर झूठी या भ्रामक सूचना, अफवाहें या बयान देना, 353(2) (सार्वजनिक शरारत, घृणा और वैमनस्य फैलाने वाले बयान देना), 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के जानबूझकर इरादे से शब्दों आदि का उच्चारण करना), 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कार्य करना) और आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत मामला दर्ज किया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour