रांची। चारा घोटाले के 3 मामलों में सजा पाने के बाद यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 लोगों के खिलाफ चारा घोटाले के दुमका कोषागार से गबन के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया।
अदालत ने लालू यादव द्वारा बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक समेत 3 अधिकारियों पर भी इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए दायर याचिका के मद्देनजर ऐसा किया है। लालू यादव की इस नई याचिका पर अदालत बुधवार को अपना आदेश सुनाने के बाद दुमका कोषागार से गबन के मामले में फैसले की तिथि निर्धारित करेगी।
चारा घोटाले के दुमका कोषागार से 3 करोड़ 13 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़े मामले में गुरुवार को सीबीआई की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत ने फैसला शुक्रवार तक के लिए टाल दिया। बुधवार को सीबीआई अदालत पहले लालू की उस नई याचिका पर फैसला सुनाएगी जिसमें उनके वकील आनंद ने चारा घोटाले के इस मामले में बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक, उपमहालेखा परीक्षक तथा महालेखाकार कार्यालय के निदेशक पर भी संलिप्तता का मुकदमा चलाने की मांग की है।
अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में सह अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया है। लालू यादव ने अपने वकील के माध्यम से पूछा है कि अगर इतना बड़ा घोटाला बिहार में हुआ तो उस दौरान 1991 से 1995 के बीच बिहार के महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
लालू यादव ने यह याचिका बुधवार को ही दाखिल की थी लेकिन गुरुवार को इसे संशोधित कर एक बार फिर अदालत में पेश किया गया। इस पर बहस के बाद अदालत ने इस पर फैसले के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की है। (भाषा)