गुवाहाटी। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। पिछले दिनों वह कोविड-19 से संक्रमित हुए थे और उपचार के बाद ठीक हो गए थे लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कुछ जटिलताओं के कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने इस बारे में बताया।
गोगोई 84 साल के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी डॉली, बेटी चंद्रिमा और बेटा गौरव हैं। शर्मा ने बताया कि 2001 से 2016 तक असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे गोगोई ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में शाम पांच बजकर 34 मिनट पर अंतिम सांस ली।
शर्मा ने कहा कि डॉक्टरों ने उनकी ईसीजी जांच की और पता चला कि हृदयगति रुक गयी है । इसके बाद जीएमसीएच के अधीक्षक ने पुष्टि की कि गोगोई नहीं रहे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के मुख्यमंत्री, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने गोगोई के निधन पर शोक प्रकट किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई के निधन के बारे में जानकर दु:ख हुआ। उनका निधन एक युग का अवसान है। प्रधानमंत्री ने गोगोई के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया और कहा कि वह एक लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनके पास असम के साथ-साथ केंद्र में भी काम करने का वर्षों का लंबा राजनीतिक अनुभव था।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, तरुण गोगोई एक लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनके पास असम के साथ-साथ केंद्र में भी काम करने का वर्षों का लंबा राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से गहरा धक्का लगा है। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई के निधन पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि वह उनके लिए महान शिक्षक थे और उनका पूरा जीवन असम के लोगों को एकसाथ लाने में समर्पित रहा।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पूर्व मख्यमंत्री गोगोई के निधन पर शोक प्रकट किया है। एक बयान में सोनोवाल ने कहा कि राज्य की सेवा और योगदान के लिए लोग हमेशा गोगोई को याद रखेंगे।
सोनोवाल ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन के बारे में जानकर बहुत दुखी हूं। उनके निधन से राज्य ने एक अनुभवी, सक्षम और प्रभावी राजनेता को खो दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनका हास्य बोध, मिलनसारिता और स्पष्टवादी व्यक्तित्व ने हर किसी को आकर्षित किया। उन्होंने सामान्य जीवनशैली के साथ राजनीति में ऊंचे नैतिक मूल्य निर्धारित किए और देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में निरंतर योगदान दिया।
कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद गोगोई को सबसे पहले 26 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। उन्हें दो नवंबर को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। गोगोई के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे 21 नवंबर को उनकी स्थिति बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।
गोगोई का रविवार को डायलिसिस किया गया था। पिछले कुछ घंटे से उनकी स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और उनकी हालत बहुत नाजुक हो गई थी। गोगोई 2001 से तीताबोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। वह छह बार सांसद भी रहे और दो बार केंद्रीय मंत्री बने।
शर्मा ने बताया कि गोगोई के पार्थिव शरीर को दिसपुर में उनके आवास पर ले जाया जाएगा। वहां से पार्थिव शरीर को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में ले जाया जाएगा, जहां लोग मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि दे पाएंगे। शर्मा ने कहा कि पूरे राजकीय सम्मान से गोगोई का अंतिम संस्कार किया जाएगा और परिवार के साथ बातचीत के बाद अंतिम संस्कार के स्थान पर फैसला किया जाएगा।