नई दिल्ली। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद उनके लिए अपशब्दों के इस्तेमाल पर कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि यह उस माहौल को उजागर करता है जिसका आज हम सोशल मीडिया पर सामना कर रहे हैं, जहां ट्रोल करके या तो विपरीत विचारों वालों को डराया जाता है या तनाव का माहौल पैदा किया जाता है।
55 वर्षीय गौरी की बेंगलूरू में गोली मारकर हत्या के बाद कई पत्रकारों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि फेसबुक और टि्वटर पर उन लोगों को चुप करने के लिए ट्रोल किया जाता है जिनके विचार मेल नहीं खाते हैं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने कहा गौरी की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह बहादुरी से और निडर होकर अपने विचार रखती थीं। पिछले कुछ सालों में इसलिए लोगों को मार दिया गया क्योंकि उनके विचार मेल नहीं खाते या अलग हैं।
कुमार ने कल एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि गौरी की मौत के बाद भी कई लोग सोशल मीडिया पर उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने कहा कि किस तरह लोग ट्रोल का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अति दक्षिणपंथी लोग दुष्प्रचार के लिए इस तरह के तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। कल बड़ी संख्या में पत्रकारों ने यहां प्रेस क्लब में सभा आयोजित कर इस कांड पर चिंता जताई थी।
ब्रोडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन के महासचिव अजीत अंजुम ने कहा कि यह पत्रकारों और ऐसे लोगों के लिए मुश्किल वक्त है जब लोग खासतौर पर सोशल मीडिया पर विभिन्न राय व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर लोगों की हत्या की जा रही है। सभा में उपस्थित जानीमानी वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि हम बहुत खतरनाक वक्त में रह रहे हैं। (भाषा)