Gyanvapi Case : 'वज़ूखाने' को ASI सर्वे में शामिल करने की याचिका सुनवाई, जानिए क्या आया फैसला

Webdunia
गुरुवार, 19 अक्टूबर 2023 (20:45 IST)
Gyanvapi Case : वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के 'वज़ूखाने' को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वेक्षण में शामिल करने की याचिका पर अपना आदेश गुरुवार को 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया।
 
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने कहा कि जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश की अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए वज़ूखाने के सर्वेक्षण की मांग की गई थी। याचिका पर आज सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने अपना आदेश 21 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
 
यह याचिका वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने दायर की थी।
 
हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि फिलहाल वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया जा रहा है लेकिन वजूखाने के सर्वेक्षण के बिना ज्ञानवापी परिसर का सच सामने नहीं आ सकता। इसलिए वजूखाने का भी सर्वे कराना जरूरी है।'
 
मस्जिद पक्ष ने इस पर अपनी आपत्ति करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि वज़ूखाने का इलाका सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है। उसने आरोप लगाया कि हिन्दू पक्ष ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ऐसी मांग की है।
 
एएसआई यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिन्दू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।
 
एएसआई का सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा था और फैसला सुनाया था कि यह कदम 'न्याय के हित में आवश्यक' है और इससे हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्षों को लाभ होगा।
 
पहले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति करते हुए आरोप लगाया था कि एएसआई ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के साथ-साथ अन्य स्थानों पर बिना अनुमति के खुदाई कर रहा है और ढांचे की पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे संरचना के ढहने का खतरा है।
 
मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एएसआई टीम मलबा या कचरा हटाकर परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अधिकृत नहीं है।
 
मस्जिद पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गया था। शीर्ष अदालत ने 4 अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
 
ज्ञानवापी परिसर के चल रहे सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को 6 नवंबर तक का समय दिया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या नीतीश कुमार को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है भाजपा?

ओडिशा आत्मदाह केस में प्रोफेसर समीर साहू ने छात्रा से कहा था—तुम बच्ची नहीं हो, समझो मैं क्या चाहता हूं

निमिषा प्रिया की फांसी, क्‍या ब्‍लड मनी के लिए राजी हुआ परिवार?

Odisha : शराबी ऑटो चालक ने हथौड़ा मारकर की माता-पिता की हत्या, रातभर रहा शवों के पास

राजा हरि सिंह पर खान सर की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, जानिए कश्मीर के भारत में विलय की पूरी कहानी

सभी देखें

नवीनतम

अमेरिकी नागरिकता वाले बच्चे को गोद लेने के बारे क्या क्या बोला बंबई उच्च न्यायालय

छत्तीसगढ़ विधानसभा में बवाल, 30 कांग्रेस सदस्य एक दिन के लिए निलंबित

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा, बिना कक्षाओं के स्कूल कैसे संचालित किए जा सकते हैं?

क्या है ‘धर्मांतरण’ का असली एजेंडा, कहीं सॉफ्ट कन्वर्शन तो कहीं सामूहिक धर्मपरिवर्तन, समझिए क्या है ‘धर्मसंकट’

केरल के एक स्कूल में छात्र की करंट लगने से मौत, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

अगला लेख