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केदारनाथ और बद्रीनाथ में जमकर बर्फबारी, पति के साथ नए साल का जश्न मनाने पहुंचीं शिल्पा शे्ट्टी

हमें फॉलो करें केदारनाथ और बद्रीनाथ में जमकर बर्फबारी, पति के साथ नए साल का जश्न मनाने पहुंचीं शिल्पा शे्ट्टी

एन. पांडेय

, सोमवार, 27 दिसंबर 2021 (09:48 IST)
देहरादून। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी परिवार के साथ इन दिनों मसूरी की वादियों का लुत्फ उठा रही हैं। शुक्रवार से शिल्पा अपने पति राज कुंद्रा तथा बच्चों के साथ मसूरी के समीप सिया-केम्पटी गांव स्थित होटल जेडब्ल्यू मैरियट में ठहरी हैं। जानकारी के अनुसार शिल्पा करीब 1 सप्ताह तक मसूरी में ठहरेंगी। ऐसे में वे नए साल का जश्न भी मसूरी में ही मनाएंगी।
 
शनिवार को शिल्पा परिवार के साथ हिमालयन एडवेंचर इंस्टीट्यूट तक वाहन से पहुंचीं और वहां से पैदल कैम्पटी फॉल के पुल व सड़क के ऊपरी हिस्से में बने तालाब तक पहुंचीं, जहां दोपहर बाद उन्होंने पिकनिक मनाई और भोजन भी वहीं पर किया। इस दौरान उन्होंने अपने प्रशंसकों से दूरी बनाए रखी। शिल्पा के सुरक्षाकर्मी भी वहां चारों ओर तैनात रहे। इससे पूर्व शुक्रवार सुबह शिल्पा ने जेडब्ल्यू मैरिएट होटल की बालकनी में मौसम का खूब आनंद लिया जिसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
 
मौसम विभाग के मुताबिक आज सोमवार को भी इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जिले में बहुत हल्की से हल्की बारिश के साथ ही 3,000 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। इसके बाद 28 दिसंबर को कुमाऊं क्षेत्र के कुछ स्थानों और गढ़वाल क्षेत्र के जिलों के साथ ही आसपास के सटे इलाकों में बहुत हल्की से हल्की बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। 2,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। 29 दिसंबर को बारिश का क्रम तेज हो सकता है। हल्की से मध्यम बारिश पर्वतीय जिलों के साथ ही अन्य जिलों में भी हो सकती है।
 
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जिले में बहुत हल्की से हल्की बारिश के साथ ही 3,000 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है, शेष जिलों में सुबह से ही हल्के बादलों के बीच धूप खिली है। मैदानी इलाकों में कहीं-कहीं सुबह और शाम को कोहरे की समस्या है।

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केदारनाथ और मुनस्यारी के आसपास आधा से 1 फीट बर्फ जमा हो गई। बद्रीनाथ में भी बर्फ पड़ रही है। हालांकि मैदानों में मौसम शुष्क रहा और धूप खिलने से ठंड से फौरी राहत मिल रही है। आज सोमवार से अगले 4 दिनों तक प्रदेश के पहाड़ी जिलों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। इस बीच मैदानों में भी सर्द हवाएं कंपकंपी बढ़ा सकती हैं।
 
केदारनाथ समेत आसपास के ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी होने से ठंड में इजाफा हो गया। केदारनाथ में 8 इंच ताजा बर्फ जम गई है। केदारनाथ के साथ ही मदमहेश्वर, तुंगनाथ और चंद्र शिला समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर भी बर्फबारी का दौर आरंभ हो चुका है। कुमाऊं में पिथौरागढ़ जिले के सीमांत मुनस्यारी तहसील मुख्यालय में शुक्रवार देर रात सीजन का पहला हिमपात हुआ। यहां भी अभी और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।
 
उत्तराखंड में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने लगा है। मौसम विभाग के मुताबिक अब लगातार 29 दिसंबर तक बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। ऐसे में यदि कोई बर्फबारी का आनंद उठाना चाहता है तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र पहुंचने का प्लान बना सकता है। मसूरी के निकट धनोल्टी, चकराता, नैनीताल के आसपास की पहाड़ियों के साथ ही पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और बागेश्वर जिले में कहीं-कहीं बर्फबारी 27 और 28 दिसंबर को देखने को मिल सकती है। हालांकि पिछले कुछ दिनों चटख धूप निकलने के चलते उत्तराखंड के तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई। अब फिर से तापमान में भी गिरावट की संभावना है।
 
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उत्तराखंड के जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने का हो रहा स्वागत : आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली रही जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने का ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती उनके कृपा पात्र शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अलावा स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। 
प्रेस को जारी एक बयान में ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जोशीमठ का पूर्व नाम ज्योतिर्मठ ही था, जो कालांतर में जोशीमठ के नाम से प्रचलन में रहा।
 
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने का स्वागत करते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। बद्रीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित डॉ. बृजेश सती ने भी राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है।
 
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एवं जोशीमठ के स्थानीय निवासी, जनप्रतिनिधि नाम ज्योतिर्मठ किए जाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे थे। स्वामी मुकुंदानंद, हरीश डिमरी व महिमानंद आदि ने भी खुशी जाहिर की।

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