Highest rainfall in Delhi this time in February after 2014 : राष्ट्रीय राजधानी में इस साल फरवरी में 2014 के बाद सबसे ज्यादा बारिश हुई है। इस महीने अब तक 32.5 मिमी बारिश हुई है। इससे पहले 2014 के फरवरी माह में 48.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों से मिली है।
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने अब तक 32.5 मिमी बारिश हुई है। इससे पहले 2014 के फरवरी माह में 48.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। मौसम विभाग में क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल फरवरी में गर्मी थी, लेकिन 2023 से पहले के वर्षों में फरवरी में ठीक-ठाक ठंड रही थी।
उन्होंने कहा कि फरवरी में पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्द हवाओं के चलने से ठंड महसूस होती है और अगले महीने के शुरुआती हफ्ते तक मौसम की मौजूदा स्थिति बनी रहेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि इसे जलवायु परिवर्तन का असर कहना ठीक नहीं है, क्योंकि हर साल मौसम की स्थिति बदलती है जैसे गत वर्ष फरवरी में गर्मी थी लेकिन मार्च, अप्रैल और मई में मौसम सुहाना रहा था।
यह रही फरवरी माह में अधिक बारिश होने की वजह : उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी के महीने में बारिश होना भी सामान्य है, और इस महीने में आमतौर पर बारिश होती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी माह में अधिक बारिश होने की वजह एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों का सक्रिय होना है जिससे पहाड़ों पर बर्फ पड़ रही है, मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है और साथ ही सर्द हवाएं चलने के कारण ठंड महसूस हो रही है।
जनवरी में राष्ट्रीय राजधानी में बिलकुल बारिश नहीं हुई थी। हालांकि आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल फरवरी में गर्मी थी और बारिश भी नहीं हुई थी, लेकिन इस बार स्थिति उससे पूर्व के वर्षों जैसी है। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, 2023, 2018 और 2017 में राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी माह में बारिश नहीं हुई थी, लेकिन 2022 में फरवरी महीने में 29.7 मिमी, 2021 में 2.6 मिमी और 2020 में 1.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
आंकड़ों के अनुसार, 2019 के फरवरी में 23.9, 2016 में 1.3, 2015 में 1.8 , 2014 में 48.8, 2013 में 103.1, 2012 में 1.06, 2011 में 53.7 और 30.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में अब तक सबसे ज्यादा वर्षा 1915 में हुई थी जब 153.4 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
आंकड़ों के मुताकि, 2023 में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 21 फरवरी को 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था लेकिन इस साल 21 फरवरी को अधिकतम पारा 28.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार फरवरी में अब तक पांच दिन वर्षा हुई है और फरवरी में 21.3 मिमी बारिश सामान्य है।
पिछले साल की तुलना में इस साल तापमान कम : वहीं निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट में मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने अब तक ठंड के बने रहने को जलवायु परिवर्तन का असर बताते हुए कहा कि फरवरी में आमतौर पर तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल तापमान कम है, जिसकी वजह एक के बाद पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना है और यह थोड़ा सा असामान्य है।
उन्होंने कहा कि जनवरी में कोई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ लेकिन ये फरवरी में सक्रिय हो रहे हैं जिससे पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी हो रही है और इसी वजह से तापमान कम रहा। पलावत ने कहा कि भूमध्य सागर से बादल जब हिमालय पहुंचते हैं तो उन्हें रुकावट मिलती है जिससे पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश होती है। इसे पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं। ये ज्यादातर अक्टूबर से लेकर मार्च तक आते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour