पुणे। जाने-माने इतिहासकार और पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे।
बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे। एक चिकित्सक ने उनके निधन की जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर दु:ख प्रकट किया है।
चिकित्सक ने बताया कि पुरंदरे एक सप्ताह पहले निमोनिया से पीड़ित पाए गए थे और उन्हें शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। वे अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में वेंटिलेटर पर थे।
उन्होंने बताया कि पुरंदरे की तबीयत रविवार को और खराब हो गई थी और उनकी स्थिति तभी से गंभीर थी।पुरंदरे की अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं। उन्हें 2019 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था। पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था।
मोदी ने ट्वीट किया कि मैं अपने दु:ख को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन ने इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा खालीपन पैदा कर दिया है। पुरंदरे के कारण भावी पीढ़ी छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ी रहेगी। उनके अन्य कार्य भी सदैव याद रखे जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरंदरे मजाकिया एवं बुद्धिमान थे और उन्हें भारतीय इतिहास का काफी ज्ञान था।
उन्होंने एक समारोह के अपने संबोधन का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि पिछले कुछ वर्षों में मुझे उनसे अत्यंत निकटता से बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कुछ महीने पहले, उनके शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किया था। मोदी ने कहा कि अपने व्यापक कार्यों के कारण पुरंदरे हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने पुरंदरे के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की।