इंदौर-भोपाल। तीन दिन से चल रही चर्चाओं का बीच सोमवार को आखिरकार हनीट्रैप (मोहपाश) मामले में इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह सस्पेंड कर दिया गया। इंदौर नगर निगम आयुक्त द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। इसी बीच आरती दयाल नामक आरोपी युवती ने खुद को गर्भवती होने का नाटक किया, जिसका पर्दाफाश एमवाय अस्पताल में हो गया।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की पलासिया थाने पर 17 सितंबर को शिकायत दर्ज करने के बाद हनीट्रैप गिरोह का खुलासा हुआ था।
नगर निगम अधिकारी ने पुलिस को बताया था कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे 3 करोड़ रुपए की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किए गए थे।
शिकायत के बाद गिरोह की 5 महिलाओं समेत 6 सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में श्वेता विजय जैन के अलावा, आरती दयाल, मोनिका उर्फ सीमा यादव, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और उनका चालक ओमप्रकाश कोरी शामिल हैं।
आरती ने 2 माह का गर्भ बताकर नाटक किया : पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरती दयाल ने इंदौर में खुद को 2 माह की गर्भवती बताकर नाटक जरूर किया लेकिन एमवाय अस्पताल में जब जांच हुई तो सभी कुछ नॉर्मल निकला। आरती ने पुलिस को गुमराह करने के लिए यह नाटक रचा था।
गोदी में उठाकर पुलिस लाई और धक्के मारकर ले गई : जब पुलिसकर्मी बेहोशी की नौटंकी के बाद आरती को गोदी में उठाकर लाए तो उसने डॉक्टरों से कहा कि वह गर्भवती है। सोनोग्राफी और यूरिन की जांच में असलियत सामने आ गई। जब वह और नाटक करने लगी तो पुलिस धक्के मारकर उसे वापस जेल ले गई।
क्यों अस्पताल में भर्ती होना चाहती थी : असल में 22 सितम्बर को जब कोर्ट ने आरती दयाल और मोनिका उर्फ सीमा यादव की रिमांड अवधि 27 सितम्बर तक बढ़ा दी। पुलिस इन दोनों को जब कोर्ट से वापस महिला पुलिस थाने लेकर पहुंची तो पहले मोनिका बदहवास होकर गिर पड़ी इस दौरान आरती ने मोनिका को संभाला लेकिन वह भी बेहोशी का नाटक करके पड़ी रही। इसके बाद पुलिस दोनों लेकर अस्पताल पहुंची। आरती की मंशा यही थी कि जेल जाने के बजाए वह अस्पताल में रहे लेकिन उसकी कोई चालबाजी नहीं चली।
जेल में मांजने पड़ रहे हैं बर्तन और लगानी पड़ रही है झाडू : हाईप्रोफाइल आरोपियों में से 3 युवतियां श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी जिला जेल में बंद हैं। 3 दिन के बाद उन्हें खुद अपने खाने के बर्तन मांजने पड़ रहे हैं। यही नहीं, उन्हें अपने कमरे की सफाई के लिए झाडू भी लगानी पड़ रही है। खुद के घरों में नौकरों से काम करवाने वाली इन युवतियों को अपने गलत काम की सजा मिल रही है।