पंचायत चुनाव से ठीक पहले मेरठ में अवैध हथियारों की बड़ी फैक्टरी पकड़ी गई है। एसटीएफ और मेरठ पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में जिले के अलग-अलग 4 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 133 से ज्यादा अवैध तमंचा और पिस्टल बरामद किए हैं। साथ ही मौत का सामान बनाने वाली 2 अवैध असलाह फैक्टरी का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुलिस की नाक के नीचे हथियारों की अवैध फैक्टरी चल कैसे रही थी।
वेस्ट यूपी के कई जिलों में मेरठ से अवैध हथियार की सप्लाई की जाती है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि पूरे मेरठ जोन से हथियारों की सप्लाई की जा रही है और सबसे ज्यादा डिमांड .32 बोर की पिस्टल की है। इस सूचना को आधार बनाते हुए कुछ लोगों को ट्रेस किया गया और पुलिस ने थाना ट्रांसपोर्ट नगर के मलियाना और ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में दबिश दी।
मलियाना से शफीक नाम के हथियार तस्कर को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस को पता चला कि शफीक हथियारों का होलसेल डीलर है और उससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हथियार तस्कर हथियारों को थोक के भाव में खरीदकर ले जाते हैं और बाद में अलग-अलग स्थानों पर मनमाने दामों पर बेच देते हैं। हैरत की बात यह है कि शफीक ने घर में ही असलाह बनाने की फैक्टरी संचालित कर रखी थी।
मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र में भी एक हथियार बनाने का कारखाना चल रहा था। थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र में हथियार बनाने की यह फैक्टरी चोरी-छुपे चलाई जा रही थी। इस फैक्टरी में बनने वाले तमंचे 1500 से 5000 तक में बेचे जाते हैं। साथ ही पिस्टल 22 से 30 हजार तक बिक जाती है। दरअसल ग्राम प्रधानी और पंचायत चुनाव को लेकर अवैध हथियारों की भारी डिमांड है। ऐसे में इस कारखाने में काम धड़ल्ले से चल रहा था।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने सबसे पहले टीपी नगर के मलियाना में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया, जहां से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन्हीं की निशानदेही पर ब्रह्मपुरी में भी छापेमारी की गई। जिसके बाद लिसाड़ी गेट और किठौर में मेरठ पुलिस ने छापा मारा। यहां भारी मात्रा में अवैध हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है।
अहम बात यह है कि अवैध हथियारों क्या यह गोरखधंधा एक लीगल व्यापार की तरह चलाया जा रहा था, इसके लिए बकायदा होलसेलर बनाया गया था। जो फैक्टरी से अवैध हथियार खरीदकर फुटकर हथियार सप्लायर को बेचता था। पुलिस अब इन हथियार खरीदने वालों की तलाश में जुटी है। हथियारों के इस नेटवर्क में लगभग 50 लोग जुड़े हुए हैं।