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कश्मीर के कई इलाकों में इंटरनेट पर अनिश्चितकालीन रोक

हमें फॉलो करें कश्मीर के कई इलाकों में इंटरनेट पर अनिश्चितकालीन रोक

सुरेश एस डुग्गर

, सोमवार, 18 अक्टूबर 2021 (22:48 IST)
जम्मू। कश्मीर में हालात कितने बिगड़ गए हैं, यह प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों से साबित होता है। आज कश्मीर के कई इलाकों में अनिश्चितकाल के लिए इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। यही नहीं 30 सालों में पहली बार श्रीनगर के लाल चौक में महिलाओं की तलाशी भी ली गई है, जबकि इससे पहले प्रवासी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया करवाने में नाकाम रहने पर जारी की गई एडवाइजरी को वापस लेने के बाद पुलिस की किरकिरी हो चुकी है। यही नहीं कुछ दिन पहले पुलिस ने खुद माना था कि प्रवासी नागरिकों पर हमलों की सूचनाएं थीं और उन्होंने नाके और गिरफ्तारियां करके इतिश्री कर ली थी।

अधिकारी कहते थे कि कश्मीर के विभिन्न जिलों में बसे गैर कश्मीरियों को आतंकी निशाना न बना सकें इसके लिए कश्मीर संभाग के तीन जिलों के 11 क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा को पूरी तरह से अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। कश्मीर में पिछले एक सप्ताह से आतंकवादियों द्वारा टारगेट किलिंग का खेल जारी है। इसी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से अब इंटरनेट सेवा को बंद करने की शुरूआत की गई है।

जानकारी के अनुसार, कश्मीर संभाग के तीन जिलों श्रीनगर, कुलगाम और पुलवामा के 11 क्षेत्रों में फिलहाल पहले चरण में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कश्मीर संभाग के अंचार श्रीनगर, ईदगाह श्रीनगर, कमरवाड़ी श्रीनगर, सौरा श्रीनगर, एमआर गुंग श्रीनगर, नौहाट्टा श्रीनगर, सफाकदल श्रीनगर, बाईपास श्रीनगर, वाहपोह कुलगाम, कमोह कुलगाम और लिट्टर पुलवामा में फिलहाल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है।
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इस बीच पिछले 30 वर्षों में पहली बार सीआरपीएफ की महिला कर्मियों ने शहर के लाल चौक इलाके में महिलाओं की तलाशी ली है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कर्मियों ने शहर के लाल चौक इलाके से गुजरने वाली महिलाओं के बैग की जांच की। आमतौर पर महिलाओं ने इसका विरोध नहीं किया, लेकिन कुछ महिलाओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जांच सार्वजनिक रूप से नहीं की जानी चाहिए थी।

फरीदा नाम की एक महिला ने कहा कि महिलाओं के पास कई ऐसी चीजें होती हैं, जो निजी होती हैं। सीआरपीएफ की महिलाओं को जांच के लिए एक अस्थाई स्थान बनाना चाहिए था, ताकि गोपनीयता बनी रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें तलाशी को लेकर नहीं बल्कि जांच के तरीके को लेकर समस्या है। इससे पहले, कश्मीर में महिलाओं की तलाशी नहीं ली गई थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में गैर स्थानीय मजदूरों को निशाना बनाते हुए की गई हत्याओं के बाद इसे शुरू किया गया है।

यही नहीं नाके, सुरक्षा जांचें और घर-घर तलाशी का केंद्र इस बार राजधानी शहर श्रीनगर है जिसे कई बार आतंकी मुक्त घोषित किया गया था। यह जानकर आपको हैरानी होगी कि पिछले साल 20 अगस्त को सुरक्षाधिकारियों और पुलिस ने श्रीनगर जिले को ‘आतंकी मुक्त’ घोषित किया था और उसके बावजूद श्रीनगर आतंकी हमलों की दौड़ व मौतों में सबसे आगे दौड़ लगाने लगा है। यह इस साल के दौरान होने वाले 14 हथगोलों व 6 ब्लैंक रेंज के सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमलों तथा कई मुठभेड़ों से स्पष्ट होता है।

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