जम्मू। अगले महीने 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर और दुकान पर तिरंगा लहराने की मुहिम कश्मीर में विवादों में घिर गई है। हालांकि प्रशासन ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि इसके लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं है, पर बवाल इसलिए बढ़ता जा रहा है क्योंकि कई क्षेत्रों में कथित तौर पर जबरदस्ती तिरंगें थमाकर वसूली की जा रही है।
'हर घर तिरंगा' मुहिम में कई कश्मीरी राजनीतिज्ञ मैदान में कूद चुके हैं। डॉ. फारूक अब्दुल्ला इस संबंध में सवाल पूछने वालों को सलाह देते थे कि वे इसे अपने ही घरों में लगाएं तो महबूबा मुफ्ती का आरोप था कि सुरक्षाकर्मी जबरदस्ती लोगों को तिरंगा थमाकर उसकी कीमत वसूल रहे हैं। अपने आरोप के दावे को मजबूत करने के लिए वे ट्विटर पर एक वीडियो भी अपलोड कर चुकी हैं।
हालांकि कश्मीरी राजनीतिज्ञों के इन दावों और आरोप-प्रत्यारोपों का जवाब देते हुए कश्मीर के मंडलायुक्त पीके पोले बार-बार कहते हैं कि इस मामले पर किसी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जा रही है और यह मुहिम स्वैच्छिक है।
उनका कहना है कि हर घर तिरंगा की मुहिम के तहत 13 से 15 अगस्त के बीच कोई भी अपनी इच्छा से घरों व दुकानों पर तिरंगा लहरा सकता है और किसी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जाएगी।
इतना जरूर है कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में चलाई जा रही इस मुहिम को जम्मू संभाग में खासकर भाजपा समर्थित इलाकों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इन इलाकों में तिरंगें की बिक्री अभी से जोर पकड़ने लगी है क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता इसके लिए घर-घर दस्तक देने लगे हैं।