कश्मीर में लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव 9 व 12 अप्रैल को

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। कश्मीर में लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव 9 तथा 12 अप्रैल को करवाए जाने की चुनाव आयोग की घोषणा के बाद बदली हुई परिस्थितियों के कारण रियासत में पंचायत चुनाव की तिथियां आगे बढ़ाई जाना तय है। अब पंचायत चुनाव मई में ही हो पाएंगे। 
हालांकि इससे पहले जम्मू कश्मीर सरकार ने अप्रैल में पंचायत चुनाव कराने के मद्देनजर चुनाव आयोग से लोकसभा उपचुनाव फिलहाल टालने की गुजारिश की थी। हालांकि अब लोकसभा की दो सीटों के लिए चुनावों की तारीख की घोषणा भी हो गई है, पर भाजपा अभी भी असमंजस में इसलिए है क्योंकि वह फैसला नहीं कर पाई है कि लोकसभा तथा पंचायत चुनावों में वह शिरकत किस तरह से करेगी।
 
पहले पंचायत चुनाव करवाने की मांग को आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग ने आज लोकसभा के उपचुनावों की भी घोषणा कर दी। श्रीनगर और अनंतनाग में उपचुनाव होना है। वैसे आयोग पहले ही संकेत दे चुका था कि वह उपचुनाव अप्रैल में कराना चाहता है।
 
पीडीपी सांसद तारिक हमीद कर्रा के इस्तीफे के कारण श्रीनगर सीट खाली हुई है। अनंतनाग सीट से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती विजयी हुई थीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद संसदीय सीट से उन्होंने इस्तीफा दिया था। जम्मू कश्मीर के निर्वाचन विभाग ने 15 अप्रैल से पहले पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां शुरू की थीं।
 
निर्वाचन विभाग ने पंचायत चुनावों को 8 चरणों में संपन्न कराने का निर्णय लिया है। पंचायत चुनावों को लोकसभा उपचुनाव से पहले कराने की योजना के सफल होने पर अब पानी फिर गया है। दरअसल आयोग राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी कर रहा था।
 
जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए लोकसभा और विधानसभा की खाली सीटों को भरा जाना है। जम्मू कश्मीर में पंचों के चुनाव के लिए 35000 वार्ड बनाए गए हैं। इससे पहले कश्मीर हिंसा के कारण पंचायत चुनाव टाल दिए गए थे।
 
इस बीच फिलहाल भाजपा फैसला नहीं कर पाई है कि वह इन चुनावों के लिए सत्ता पार्टनर पीडीपी के साथ मैदान में उतरे या फिर अकेले ही जोरआजमाइश कर लें। पीडीपी के नेता कहते हैं कि कश्मीर की दो लोकसभा सीटों पर आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव में पीडीपी अपना उम्मीदवार उतारेगी। 
 
उनका कहना है कि हमें पूरा भरोसा है कि उपचुनाव में पीडीपी की जीत होगी। 2016 में दोनों लोकसभा क्षेत्र खाली हो गए थे। दोनों सीटों पर पहले भी पीडीपी का कब्जा था। मुफ्ती मोहम्मद सईद अनंतनाग लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने त्यागपत्र दिया था। इसके अलावा सितंबर 2016 में पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा ने लोकसभा और पीडीपी दोनों से इस्तीफा दे दिया था।
 
भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पीडीपी के नेता का कहना है कि पार्टी ने अभी तक फैसला नहीं किया है कि दोनों सीटों पर हम भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या अकेले चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी इस पर फैसला लेगी।
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