श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नगर के नूरबाग इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक युवक की मौत के विरोध में अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के मद्देनजर एहतियात के तौर पर शहर के पुराने इलाकों में शुक्रवार को कर्फ्यू लगाया गया।
ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी द्वार, उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस (एचसी) के अध्यक्ष के गढ़ को बंद कर दिया गया और लोगों को नमाज अदा करने वाले स्थल में प्रवेश करने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा सभी मुख्य और उससे जोड़ने वाले मार्ग पर कंटीले तारों के साथ सुरक्षा बलों और राज्य पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और लोगों से घरों में रहने का निर्देश दिया है।
शहर के नूरबाग इलाके में सीएएसओ के दौरान सुरक्षा बल कार्रवाई में मोहम्मद सलीम मलिक (24) की हत्या के बाद शहर के पुराने इलाकों और शहर-ए-खास क्षेत्र में गुरुवार को एहतियात के तौर पर प्रतिबंध लगाया गया था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुरक्षा बलों को देर रात हटा लिया गया था लेकिन शुक्रवार सुबह से फिर से तैनात कर दिया गया। नल्लाहमार रोड में नवा कदाल से खानयार को पैदल यात्रियों और वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने नवा कदाल, राजौरी कदाल, बोहरी कदाल और खानयार सहित कई स्थानों को कंटीले तार लगाकर सड़कों को बंद कर दिया। सड़क के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें घर के अंदर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय दुकानदारों और ब्रेड बनाने वालों को दुकानें नहीं खोलने कहा गया है। इसके अलावा सब्जी विक्रेताओं और दूध विक्रेताओं को इलाके में नहीं आने की सलाह दी गई है और प्रतिबंध लगाया गया है। एसके आयुर्विज्ञान संस्थान से ईदगाह की ओर जाने वाले रास्ते को रोगियों, अर्द्धसैनिक बलों और एम्बुलेंस के लिए खोला गया है। ऐतिहासिक जामिया मस्जिद की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है और जामिया बाजार और उसके आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
प्रतिबंध के कारण दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालय और बैंक भी बंद रहे।
मलिक गिरफ्तार, मीरवाइज नजरबंद, गिलानी को राहत नहीं : श्रीनगर के पुराने इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में युवक के मारे जाने के विरोध में शुक्रवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया जबकि हुर्रियत कांफ्रेंस (एचसी) के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को सुबह उनके घर में नजरबंद कर लिया गया।
एचसी के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी को भी कोई राहत नहीं देते हुए उनकी नजरबंदी जारी रखी गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर अलगाववादी नेताओं पर पाबंदियां लगाई गई हैं।
अलगाववादी संगठनों के प्रमुखों के समूह जिसमें गिलानी, मीरवाइज और मलिक शामिल हैं, ने पुराने इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों की घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान मोहम्मद सलीम मलिक (24) के मारे जाने के विरोध में शुक्रवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है।
फ्रंट के प्रवक्ता ने कहा कि मैसुमा स्थित मलिक के निवास पर पुलिस ने छापेमारी कर मलिक को हिरासत में ले लिया। मलिक सिविल लाइंस इलाके में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाला था।
मीरवाइज के निगीन स्थित निवास पर शुक्रवार को सुबह बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया। हुर्रियत के प्रवक्ता ने बताया कि बाद में मीरवाइज को बताया गया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है और अगले आदेश तक वह घर से बाहर नहीं निकल सकते।
प्रवक्ता के मुताबिक मीरवाइज को जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद सभा को संबोधित करना था। इससे पहले मीरवाइज विरोध प्रदर्शन का भी नेतृत्व करने वाला था। अधिकारियों ने हालांकि मस्जिद के सभी द्वारों को बंद कर दिया है और लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। (वार्ता)