नई दिल्ली। जिगिषा घोष हत्याकांड में अदालत ने दो व्यक्तियों को मृत्युदंड और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है- 18 मार्च, 2009: जिगिषा को तड़के चार बजे जब उसके कार्यालय की गाड़ी ने उसके घर से कुछ दूर छोड़ा तो चार व्यक्तियों ने उसे सैंट्रो कार में अगवा कर लिया।
21 मार्च 2009 : फरीदाबाद में सूरजकुंड के समीप जिगिषा का शव मिला।
25 मार्च, 2009 : दिल्ली पुलिस ने जिगिषा की हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर चार व्यक्तियों को पकड़ा। पुलिसकर्मियों ने टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड भी सुलझाया। सौम्या 30 सितंबर, 2008 को जब तड़के अपने कार्यालय से कार से घर लौट रही थी तब गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी।
जून, 2009: पुलिस ने अदालत में आरोप-पत्र दायर किया।
10 अगस्त, 2009 : अदालत ने अ5यारोपण पर दलीलें सुनने के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की।
5 दिसंबर, 2009 : अदालत ने इस मामले में तीन आरोपियों को अ5यारोपित किया।
15 अप्रैल, 2010 : जिगिषा के पिता की गवाही की रिकार्डिंग के साथ सुनवाई शुरू।
5 जुलाई, 2016 : अदालत ने अंतिम दलीलें सुनने का काम पूरा किया और फैसला सुरक्षित रख लिया।
14 जुलाई, 2016: अदालत ने तीन आरोपियों को जिगिषा के अपहरण, डकैती और उसकी हत्या के लिए दोषी ठहराया।
20 अगस्त, 2016 : अदालत ने इस बात पर अपना आदेश सुरक्षित रखा कि किस मुजरिम को कितनी और क्या सजा दी जाए।
22 अगस्त, 2016 : अदालत ने दो को मृत्युदंड और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा तीनों पर नौ लाख रुपए का जुर्माना लगाया। (भाषा)