Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश में पिछले करीब एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है। 31 जुलाई की रात हिमाचल प्रदेश के 3 जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई। 40 लोग अभी भी लापता हैं। अभिनेत्री-सांसद कंगना रनौत ने शिमला जिले के आपदा प्रभावित समेज गांव का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ नहीं करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया।
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रनौत ने रामपुर उपखंड के समेज में अचानक आई बाढ़ के पीड़ितों से बात की। उन्होंने कहा कि यह दिल दहला देने वाली त्रासदी है। लोगों ने बच्चों समेत अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया। वे डरे हुए हैं। मैं राज्य सरकार से अनुरोध करूंगी कि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान की जाए।
उन्होंने राज्य सरकार पर समेज गांव के आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया, जहां 30 से अधिक लोग लापता हैं। उन्होंने कहा कि मुझे राज्य सरकार का कुछ भी काम नहीं दिख रहा...यह अमानवीय है।
मंडी से भाजपा सांसद ने पिछले साल बाढ़ प्रभावित परिवारों को कांग्रेस के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार द्वारा धन आवंटन की विशेष जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में मलाणा का सड़क संपर्क टूट गया है और ग्रामीण खुद पुल बना रहे हैं।
शिमला से करीब 148 किलोमीटर की दूरी पर स्थित समेज गांव में, अचानक आई बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रामपुर, मंडी और कुल्लू मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जहां से रनौत हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुई थीं।
रनौत ने कहा कि मैं केंद्र सरकार की प्रतिनिधि के तौर पर आई हूं। केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए धन मुहैया कराएगी, लेकिन हम सभी जानते हैं कि पिछले साल मानसून के दौरान आई आपदा के बाद भी वित्तीय सहायता दी गई थी। यह धन राज्य सरकार को मिलता है और वे इसे वितरित करते हैं। कोई नहीं जानता कि उन निधियों का क्या हुआ।
उन्होंने दावा किया कि पिछले साल की आपदा से प्रभावित लोग अब भी, मुख्यमंत्री द्वारा वादा किए गए सात लाख रुपए का इंतजार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 2 जून से 7 अगस्त के बीच मानसून की आपदा के कारण हिमाचल को 748 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में 93 लोगों की मौत हुई है।