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Kuwait Fire Incident : कुवैत अग्निकांड में पिता की मौत, अधूरी रह गई बेटी को मोबाइल देने की ख्वाहिश

हमें फॉलो करें Kuwait Fire Incident : कुवैत अग्निकांड में पिता की मौत, अधूरी रह गई बेटी को मोबाइल देने की ख्वाहिश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

कोल्लम (केरल) , गुरुवार, 13 जून 2024 (20:39 IST)
Kuwait building fire Incident : लुकोस ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाली अपनी बड़ी बेटी के लिए मोबाइल फोन खरीदा था और अगले महीने बेंगलुरु में नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिले की व्यवस्था के लिए जब वह घर आने वाले थे तब उसे अपने साथ लाने वाले थे। वह बेटी को नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के लिए बेंगलुरु भी ले जाने वाले थे।
दोस्तों ने फोन करके घटना के बारे में बताया : हालांकि बुधवार को उनके परिवार के पास अपुष्ट खबरें पहुंचीं कि कुवैत में जिस इमारत में वह रह रहे थे, उसमें आग लग गई है व इस हादसे में 49 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हैं। लुकोस के एक रिश्तेदार ने गुरुवार को एक टीवी चैनल को बताया कि उनके दोस्तों ने फोन करके घटना के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, दोस्तों ने हमें बताया कि आग लगने की घटना तड़के करीब चार बजे के आसपास हुई थी और उस समय लुकोस ने वहां के एक गिरजाघर के पादरी को फोन किया था। लुकोस ने थोड़ी देर पादरी से बात की और फिर कॉल कट गई। जब हमने पलटकर उन्हें कॉल की तो 'रिंग' जा रही थी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।
तब उसकी मौत की पुष्टि हुई : रिश्तेदार ने बताया कि उस समय सभी को लगा कि वह जीवित है। उन्होंने बताया कि बाद में उनके मित्रों और गिरजाघर के सदस्यों ने उस इमारत में जहां लुकोस रह रहे थे और पास के अस्पतालों में पूछताछ की तो पता चला कि आग में फंसे लोगों में वह भी शामिल हैं। रिश्तेदार ने कहा, लेकिन उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई। फिर शाम को उसके दोस्त और गिरजाघर के सदस्य पूछताछ के लिए पुलिस के पास गए और तब उसकी मौत की पुष्टि हुई।
18 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे थे लुकोस : रिश्तेदार ने बताया कि पिछले 18 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे लुकोस के परिवार में पिता (93), मां (88), पत्नी और दो बेटियां हैं। रिश्तेदार ने बताया, उसकी बड़ी बेटी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे। इसलिए उन्होंने उसके लिए एक फोन खरीदा। अगले महीने जब वह आने वाले थे तो फोन साथ लाने वाले थे। वह बेटी को नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के लिए बेंगलुरु भी ले जाने वाले थे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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