आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में दो लड़कियों ने अपने परिवार को बताए बिना आपस में शादी कर ली। दोनों एक-दूसरे को पिछले दो सालों से जानती थीं। उनके परिवार वालों को न ही उनकी रिलेशनशिप की कोई जानकारी थी और न ही ये पता था कि दोनों शादी करने वाली हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार लगभग 20 साल की दो लड़कियां 16 अप्रैल को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंचीं। दोनों में से एक लड़की दुल्हन बनी थी जबकि दूसरी ने दूल्हे के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया। दूल्हा बनी लड़की ने अपना नाम कार्तिक शुक्ला बताते हुए आधार कार्ड भी पेश किया।
दूल्हा बनी लड़की अपने साथ फर्जी माता-पिता भी लाई थी। वहीं दुल्हन के घरवालों के सामने यह शादी हुई। हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों की ठीक से शादी भी हो गई। किसी को कोई शक नहीं हुआ। दूल्हा बनी लड़की के कपड़े और हेयरस्टाइल भी लड़कों की तरह था।
लेकिन 21 अप्रैल को जब दुल्हन के घरवालों को पता चला कि उनकी बेटी का पति कोई लड़का नहीं बल्कि लड़की है।
इसका पता लगने पर परिवार वालों ने शादी का खूब विरोध किया और दूल्हा बनी लड़की के साथ मारपीट भी की। बवाल इतना बढ़ गया कि दुल्हन को छत से कूदकर अपने साथी की जान बचानी पड़ी।
मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। पूरी बात जानकर पुलिस वाले भी हैरान हो गए और उन्होंने दोनों लड़कियों को बयान दर्ज कराने के लिए मैजिस्ट्रेट के पास भेज दिया। थाने में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और तय किया गया कि मैजिस्ट्रेट ही इस मामले को तय करेंगे।
गौरतलब है कि साल 2013 से ही भारत में आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिकता अपराध है। जहां एक से लिंग वाले दो लोगों के बीच सेक्स पूरी तरह से गैर-कानूनी है वहीं समलैंगिक शादी पर कोई स्थिति साफ नहीं है। इस तरह की शादी पर कोई विशेष कानून भी नहीं है जिससे इसे अपराध ठहराया जा सके।