मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव रखे जाने को शनिवार को मंत्रिमंडल की मंजूरी दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से ठीक पहले, 29 जून को उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार ने इन शहरों के नाम बदलने का फैसला किया था।
बहरहाल, 30 जून को शपथ ग्रहण करने वाले शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि ठाकरे नीत सरकार का इन शहरों के नाम बदलने का फैसला अवैध है, क्योंकि उन्होंने यह निर्णय राज्यपाल द्वारा विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहने के बाद लिया।
ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे 'छत्रपति' जोड़ दिया। इस समय मंत्रिमंडल में केवल दो सदस्य शिंदे और फडणवीस हैं, क्योंकि इसका विस्तार अभी नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि (ठाकरे की अध्यक्षता में हुई) 29 जून की मंत्रिमंडल की बैठक के कार्य विवरण को नई सरकार (शिंदे के नेतृत्व वाली) ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी।
बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा, जिसके बाद दोनों शहरों का नाम संभाग, जिला, तालुका, नगर निगम और परिषद स्तर पर बदला जाएगा। मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डी बी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी।
उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले महीने इस संबंध में भी फैसला किया था। शिंदे के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद एमवीए सरकार 29 जून को गिर गई थी। शिंदे ने इसके अगले दिन मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।(भाषा)