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मराठवाड़ा और सोलापुर में भारी बारिश, धाराशिव में 2 की मौत, 11500 से ज्‍यादा का किया रेस्‍क्‍यू, CM फडणवीस ने दिए ये निर्देश

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

छत्रपति संभाजीनगर/ मुंबई , रविवार, 28 सितम्बर 2025 (21:04 IST)
Maharashtra Weather update News : महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण धाराशिव में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि जिले के जलमग्न इलाकों से 3500 से अधिक लोगों को निकाला गया। मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में भारी बारिश के बाद रविवार को 11500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें क्षेत्र के जयकवाड़ी बांध में और अधिक पानी आने की उम्मीद है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मराठवाड़ा के 8 जिलों और सोलापुर में वर्षा की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की व अधिकारियों को जमीनी स्तर पर प्रयास तेज करने का निर्देश दिया।

शनिवार को मराठवाड़ा के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया और निचली सड़कें तथा पुल जलमग्न हो गए। मराठवाड़ा क्षेत्र आमतौर पर सूखाग्रस्त रहता है। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में भी भारी बारिश हुई, जिससे सुबह अहिल्यानगर को जोड़ने वाली सड़क पर यातायात बाधित हो गया।
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राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर के हरसूल सर्कल में पिछले 24 घंटे में 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड, नांदेड़ और परभणी सहित अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जारी है, जिसके कारण ये इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र के छह जिलों के 189 राजस्व क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है।
 
बाढ़ प्रभावित धाराशिव जिले के ओमेरगा और परंदा तालुकाओं में शनिवार रात एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में डूब गया, जबकि दूसरी मौत बारिश से जुड़ी एक अन्य घटना के कारण हुई। सिना कोलेगांव बांध से 75,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण परंदा के इलाके जलमग्न हो गए हैं, लेकिन हमने 3,615 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
छत्रपति संभाजीनगर में हरसूल सर्कल में सबसे अधिक 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि वैजापुर तालुका के शिवूर और बोरसर सर्कल में 189.25 मिलीमीटर बारिश हुई। वालुज क्षेत्र में भारी बारिश के कारण छत्रपति संभाजीनगर-अहिल्यानगर मार्ग पर सुबह यातायात ठप हो गया।
 
जयकवाड़ी बांध के सभी 27 गेट 4 से 5.5 फुट की ऊंचाई तक खोल दिए गए, जिससे गोदावरी नदी में 1.41 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा गया। मराठवाड़ा में पैठण कस्बे सहित गोदावरी नदी के किनारे बसे गांवों को बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है। क्षेत्र में 483 राजस्व मंडल हैं, जहां वर्षामापी यंत्र लगे हैं। इनमें से 189 मंडलों में पिछले 24 घंटों में अधिक वर्षा (एक दिन में 65 मिलीमीटर से अधिक) दर्ज की गई।
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की राहत कार्यों की समीक्षा की : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मराठवाड़ा के 8 जिलों और सोलापुर में वर्षा की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की व अधिकारियों को जमीनी स्तर पर प्रयास तेज करने का निर्देश दिया। शनिवार को मराठवाड़ा के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया और निचली सड़कें तथा पुल जलमग्न हो गए। मराठवाड़ा क्षेत्र आमतौर पर सूखाग्रस्त रहता है। पश्चिमी महाराष्ट्र में स्थित सोलापुर में भी भारी बारिश हुई है और फसल को नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि भारी वर्षा के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने की मात्रा में वृद्धि होने के मद्देनजर फडणवीस ने संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को पहले ही निकालने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
 
बयान में कहा गया कि उन्होंने अधिकारियों को राहत शिविरों में भोजन, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्रों में 30 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कई जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
 
सीएमओ के बयान के अनुसार, फडणवीस ने भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए छत्रपति संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, धाराशिव, परभणी और सोलापुर जिलों के जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा, सभी अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में रहना चाहिए और राहत एवं बचाव कार्यों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए।
कुछ क्षेत्रों में चारे की कमी की खबरों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने पशुओं के लिए चारे की तत्काल आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने राज्यभर के बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति की समीक्षा की और जल संसाधन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने तथा पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया।
 
बयान में कहा गया है कि जो लोग पहले ही राहत शिविरों में स्थानांतरित हो चुके हैं, उन्हें स्थिति में सुधार होने तक वहीं रहने को कहा गया है। जयकवाड़ी परियोजना के जलग्रहण क्षेत्र और बांध क्षेत्र में लगभग 150 मिलीमीटर बारिश के कारण गोदावरी नदी में 1,25,000 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है, जो बढ़कर 1.5 लाख क्यूसेक तक हो सकता है।
 
माजलगांव बांध से 41,701 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जो पहले 95,000 क्यूसेक था। धाराशिव, सोलापुर, अहिल्यानगर और बीड जिलों में भारी वर्षा के कारण सिना कोलेगांव बांध से 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर यह मात्रा 60,000 क्यूसेक है। बयान में कहा गया कि इसके अतिरिक्त उजानी बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि पानी छोड़े जाने का आंकड़ा सुबह नौ बजे तक की स्थिति पर आधारित है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के आबादी वाले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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जल्द ही वितरित किया जाएगा मुआवजा : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठवाड़ा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राज्य सरकार राहत प्रयास शुरू कर चुकी है और जल्द ही उन्हें मुआवजा वितरित किया जाएगा। नवी मुंबई में शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि किसानों की दशा पर बात करना सरकार की जिम्मेदारी है और वह उन्हें अकेले ही मुश्किलों का सामना नहीं करने देगी।
 
उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित मराठवाड़ा के अपने दौरे का जिक्र किया, जहां बारिश और बाढ़ ने घरों, खेतों और मवेशियों को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा, किसानों की दशा ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। सरकार उन्हें मुश्किल हालात में अकेले नहीं छोड़ेगी। राहत कार्य शुरू कर दिये गए हैं और जल्द से जल्द मुआवजा वितरित किया जाएगा। (इनपुट एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour 

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