राणाघाट (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन के संबंध में भाजपा के 'अड़ियल' रवैए की वजह से देश खाद्य संकट की ओर बढ़ रहा है।
ममता ने कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों के 'बेकार' नेताओं को शामिल करके भाजपा 'कबाड़' पार्टी बन रही है।
देश खाद्य संकट की ओर बढ़ रहा है। अगर भाजपा कृषि कानूनों पर अड़ी रही तो हमारे देश में खाद्यान्न की कमी आ जाएगी। किसान हमारे देश की पूंजी हैं और हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जो उनके हितों के विरुद्ध हो।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की भी मांग की। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की भी यही मांग है। उन्होंने नदिया जिले के राणाघाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा देश की सबसे बड़ी कबाड़ पार्टी है। यह कचरा पार्टी है, जो दूसरे दलों के भ्रष्ट और बेकार नेताओं से खुद को भर रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि आपने कुछ (तृणमूल) नेताओं को भाजपा में जाते देखा होगा। उन्होंने लूटे हुए जनता के धन को बचाने के लिए ऐसा किया। भाजपा वॉशिंग मशीन की तरह पार्टी को चलाती है, जहां भ्रष्ट नेता उसमें शामिल होते ही संत बन जाते हैं।
उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और हाल ही में अमेरिकी संसद भवन कैपिटल हिल में हिंसा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की तुलना करते हुए कहा कि जिस दिन भाजपा चुनाव हारेगी तो उसके कार्यकर्ता और समर्थक भी इसी तरह का बर्ताव करेंगे।
ममता ने शास्त्रीजी को याद किया : कोलकाता से मिले समाचार के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र पर नए कृषि कानूनों को लेकर निशाना साधते हुए इन्हें वापस लेने की मांग की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 55वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही। शास्त्री के 'जय जवान, जय किसान' के नारे को याद करते हुए बनर्जी ने कहा कि किसान देश के नायक हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। उन्होंने हमें 'जय जवान, जय किसान' का प्रेरणादायी नारा दिया था। हमें हमारे किसान भाइयों-बहनों पर गर्व है। किसान हमारे देश के नायक हैं। केंद्र को किसान विरोधी कानूनों को अभी वापस लेना चाहिए। बनर्जी नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रही हैं जिनके विरुद्ध किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी प्रदर्शन को समर्थन जताया है। (भाषा)