Manoj Jarange: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation Movement) की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि जब तक सरकार महाराष्ट्र में उनके समुदाय को आरक्षण देने का आदेश जारी नहीं करती, तब तक वह अपना अनशन जारी रखेंगे। दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आंदोलन वापस लेने की अपील की है।
मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर करीब 40 वर्षीय जरांगे मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
जरांगे ने पत्रकारों से कहा कि मैं अपना अनशन तब तक जारी रखूंगा, जब तक राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने का आदेश जारी नहीं करती। मैं एकमात्र ऐसा प्रदर्शनकारी बन जाऊंगा, जिसने राज्य सरकार को अपना दोषपूर्ण आदेश वापस लेने के लिए मजबूर किया हो। मैं इस गलती का स्थायी समाधान चाहता हूं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर मुंबई में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी। शिंदे ने बाद में कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर जरांगे से अपना अनशन वापस लेने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने जालना जिले में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने तथा आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज में शामिल 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की भी घोषणा की। शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है। हम सभी समुदायों के बीच सद्भाव और शांति चाहते हैं। सभी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर मनोज जरांगे से अपना अनशन वापस लेने का अनुरोध किया। मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध करता हूं। राज्य सरकार को (कोटा मुद्दे पर) निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta