आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि उनके आंदोलन का लक्ष्य मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण दिलाना है और इसके लिए मराठों को एकजुट होना चाहिए। यहां मराठा जनजागृति शांति रैली के समापन पर उन्होंने कहा कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक अद्वितीय अवसर है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ओबीसी श्रेणी में आरक्षण प्राप्त करना है। केवल आरक्षण ही हमें आगे बढ़ने में मदद करेगा। हमारे बच्चे केवल एक प्रतिशत अंकों से (सरकारी) अधिकारी बनने का अवसर खो देते हैं। हमें पदोन्नति भी नहीं मिलती है।
मराठा कार्यकर्ता ने कहा कि मंत्री शंभुराज देसाई से मेरी मुलाकात के 2 महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ। इसका मतलब है कि सरकार हमें आरक्षण नहीं देना चाहती। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में आरक्षण दिया गया था, लेकिन यह (न्यायिक जांच में) टिक नहीं पाया।
जरांगे ने कहा कि समुदाय को राजनीतिक दलों या नेताओं को कोई महत्व नहीं देना चाहिए बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपकी अगली पीढ़ियां पूछेंगी कि आपने आरक्षण के लिए लड़ाई क्यों नहीं लड़ी?
जरांगे ने दोहराया कि विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय 29 अगस्त को उनके गांव अंतरवाली सरती में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को भी चेतावनी दी कि वे उनसे मुकाबला न करें। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता (जिनके पास गृह विभाग भी है) ने उनके खिलाफ विशेष जांच दल गठित करके गलती की है।
राज्य के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल पर निशाना साधते हुए जरांगे ने उन्हें एओला (नासिक जिले में भुजबल का विधानसभा क्षेत्र) पर एक धब्बा कहा। भुजबल ने ओबीसी श्रेणी से मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने का कड़ा विरोध किया है। भाषा