नोटबंदी से इसलिए नाराज हैं मायावती...

Webdunia
मंगलवार, 27 दिसंबर 2016 (16:09 IST)
जालंधर। देश में कालेधन के खिलाफ सख्त कदम केंद्र सरकार की मंशा दुहराते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बैंक में प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद जो सच सामने आए हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि मायावती नोटबंदी का जोरशोर से विरोध क्यों कर रहीं थीं?
 
होशियारपुर जिले के मुकेरियां में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे की रैली में शामिल होने से पहले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि मायावती इसका (विमुद्रीकरण) विरोध क्यों कर रहीं थी और केंद्र से उनकी नाराजगी क्यों थी?
 
शाहनवाज ने साफ किया कि मायावती गरीबों के नाम पर विमुद्रीकरण का विरोध करती आ रही हैं लेकिन सोमवार की खबरों के बाद अब आम लोगों और गरीबों को भी इस बात की जानकारी हो गई है कि उनका विरोध और उनकी नाराजगी किसलिए थी? 
 
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी बैंक की शाखा में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद कथित रूप से यह बात सामने आई थी कि नोटबंदी के बाद से बहुजन समाज पार्टी के खाते में 104 करोड़ और पार्टी प्रमुख मायावती के भाई के खाते में एक करोड़ 43 लाख रुपए जमा हुए हैं। इसके बाद भाजपा प्रवक्ता का यह बयान आया है।
 
भाजपा नेता ने कहा, कई नेता नोटबंदी का विरोध आम लोगों और गरीबों के नाम पर कर रहे हैं लेकिन सचाई यह है कि वह केवल शोर मचा रहे हैं जिसमें कहीं न कहीं उनका अपना स्वार्थ है।
भाजपा नेता ने कहा, कालेधन के खिलाफ अभियान चल रहा है और जिस तरह हमने कांग्रेस मुक्त भारत बनाया है ठीक उसी तरह कालाधन मुक्त भारत बनाएंगे। इसलिए नकदी रहित व्यवस्था पर बल दे रहे हैं। 
 
शाहनवाज ने कहा, नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं और सरकार इस पर गंभीरतापूर्वक काम कर रही है। नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे। इससे कालेधन पर लगाम लगाने में भी सफलता मिलेगी। राजनीतिक दलों के चंदे को भी नकदी रहित करने के बारे में उत्तर देने से बचते हुए भाजपा नेता ने कहा कि कालेधन को रोकने के लिए जिस दिशा में देश चलेगा, उसी तरह का काम किया जाएगा।
 
भाजपा नेता ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के पक्ष में लहर है और उनकी पार्टी वहां भ्रष्टाचार तथा परिवारवाद के खिलाफ चुनाव मैदान में जाएगी। जब यह पूछा गया कि पंजाब में भी परिवारवाद है, इस पर प्रवक्ता ने हंसते हुए कहा, पंजाब वह (बादल परिवार) अपनी मेहनत के बल पर बने हैं। 
 
पंजाब में पार्टी क्या 23 से अधिक सीट पर लड़ेगी, उन्होंने कहा, गठबंधन के आधार पर ही चुनाव लड़ा जाता है और सभी सीटें गठबंधन की होती हैं। जब यह पूछा गया कि ओडिशा में भाजपा ने सीट के लिए गठबंधन क्यों तोड़ा? तो उन्होंने कहा, शिअद के साथ दिल और दल मिले हुए हैं इसलिए गठबंधन जारी है और वहां ऐसा नहीं था, इसलिए टूट गया। 
 
पंजाब में पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा के बारे में पूछने पर शाहनवाज ने कहा, बाकी दलों में व्यक्ति चुनाव लड़ता है और हमारे यहां पार्टी चुनाव लड़ती है। रणनीति बनाई जा रही है और जल्दी ही यह घोषणा कर दी जाएगी। (भाषा) 
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