Approval of the proposal for transfer of powers of the Standing Committee : दिल्ली नगर निगम (MCD) सदन के एक विशेष सत्र के दौरान सोमवार को तब अराजकता फैल गई जब विपक्षी पार्षद सदन में स्थाई समिति की शक्तियों को निहित करने के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए सदन के बीच में आ गए और महापौर शैली ओबेरॉय की मेज पर चढ़ गए तथा कागजात फाड़ दिए।
आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने ओबेरॉय के चारों ओर एक मानव श्रृंखला बनाई और इस दौरान विपक्षी सदस्यों के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई। विपक्षी पार्षदों ने महापौर की मेज को घेर लिया और उन्हें बोलने से रोकने के लिए उनकी कुर्सी छीनने की कोशिश की। इस मुद्दे पर चर्चा कराने के दो असफल प्रयासों के बाद ओबेरॉय ने देर शाम घोषणा की कि प्रस्ताव पारित हो गया है।
इस कदम से सदन के लिए कई प्रस्तावों को पारित करने का मार्ग प्रशस्त होगा जो महीनों से लंबित हैं और जिन्होंने एमसीडी के वित्तीय मामलों को प्रभावित किया है। ओबेरॉय ने बाद में कहा कि भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि सदन चले क्योंकि उसे लोगों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है।
विशेष सत्र को समिति के पुनर्गठन और दिल्ली के बाजारों में दुकानों की डी-सीलिंग तक स्थाई समिति की शक्तियों को सदन में निहित करने के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था। एमसीडी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था, जो सभी वित्तीय निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है, में 18 सदस्यीय स्थाईसमिति का पुनर्गठन पिछले 10 महीनों से लंबित है।
सदन ने दुकानों की डी-सीलिंग का प्रस्ताव भी पारित कर दिया। ओबेरॉय के सदन में प्रवेश करते ही विपक्षी सदस्यों ने तानाशाही नहीं चलेगी और संविधान की हत्या बंद करो जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए।
विपक्षी सदस्य महापौर के आसन के सामने आ गए। उनमें से कुछ महापौर की मेज पर भी चढ़ गए, प्रस्ताव के कागजात फाड़ दिए और फटे टुकड़ों को हवा में फेंक दिया। एमसीडी सदन में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने सत्तारूढ़ आप की आलोचना करते हुए कहा कि स्थाई समिति की शक्तियां सदन को सौंपना अमान्य और असंवैधानिक होगा।
उन्होंने कहा कि सदन स्थाई समिति की शक्तियां नहीं ले सकता क्योंकि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। विपक्षी पार्षदों ने निगम सचिव के कार्यालय को भी बंद कर दिया, जिससे उन्हें बाहर आने और सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोका गया। स्थिति को शांत करने के लिए पुलिसकर्मियों को बुलाना पड़ा।
हंगामे के बीच, ओबेरॉय ने माइक पर घोषणा की कि समिति के पुनर्गठन तक स्थाई समिति की शक्तियां एमसीडी सदन को सौंपने का प्रस्ताव पारित हो गया है। सिंह ने कहा कि प्रस्ताव पारित करना गैरकानूनी है क्योंकि नगर निगम सचिव और आयुक्त सदन में मौजूद नहीं थे। सत्र के बाद ओबेरॉय ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका एकमात्र उद्देश्य सदन की कार्यवाही को बाधित करना है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour