सबरूम (त्रिपुरा)। प्रौढ़ उम्र की एक महिला 2 अपैल से ही भारत-बांग्लादेश सीमा के पास दक्षिण त्रिपुरा जिले में फेनी नदी में बने टापू पर फंसी हुई है। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से कमजोर है।
अधिकारियों ने बताया कि सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की मदद से बांग्लादेशियों ने उसे भारत की ओर भेजने की कोशिश, वहीं भारतीय, सीमा सुरक्षाबल ने किसी के भी प्रवेश को रोक दिया, इस कारण वह नदी में बने टापू पर फंस गई है।
कथाल्छारी सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, बीजीबी और स्थानीय बांग्लादेशियों द्वारा उसे भारत की सीमा में भेजने की कोशिश नाकाम होने के बाद बांग्लादेश के लोग उसे भोजन और पानी दे रहे हैं।
सीमा के नजदीक स्थित कथाल्छारी और अमताली गांव के निवासियों ने बताया कि बीजीबी कर्मी और स्थानीय लोग दो अप्रैल से तीन अलग-अलग जगह से उसे भारतीय सीमा में भेजने की कोशिश कर चुके हैं।
कथाल्छारी के एक निवासी ने कहा, दो अप्रैल की दोपहर नदी के पास हमारे घर के पीछे कुछ शोर मचने लगा। हमने देखा कि 20 बांग्लादेशी एक महिला को भारत की सीमा में भेजने की कोशिश कर रहे थे और बीजीबी कर्मी उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे थे।
त्रिपुरा की बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा है। अन्य स्थानीय निवासी झरना ने बताया कि महिला बांग्लोदशी नागरिक प्रतीत होती है। उन्होंने बताया कि अमताली गांव की कुछ महिलाओं ने उस महिला से चिल्ला-चिल्लाकर बात की तो उसने पानी को ‘जोल’ बोला जो कि बांग्लादेशी भाषा में पानी को कहा जाता है।
उन्होंने कहा, इसके बाद उसने ढाका के मीरपुर के बारे में बात कि और बताया कि उसे फारूक नाम के एक शख्स से प्यार था, जिसने किसी और महिला से शादी कर ली। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को मानवीय आधार पर महिला को मानसिक रोगियों के अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए।
वहीं बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने इलाके का दौरा कर व्यापक जांच की। उन्होंने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि महिला बांग्लादेश की है और पड़ोसी देश को उसे वापस लेना चाहिए। इस बीच, बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को भारतीय सीमा में भेजे गए मानसिक रूप से कमजोर दो अन्य लोगों को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है। (भाषा)