नगालैंड में 20 साल बाद हुआ नगर निकाय चुनाव, मतदान संपन्न

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 26 जून 2024 (20:42 IST)
Municipal elections held in Nagaland after 20 years : नगालैंड में 25 नगर निकायों के लिए 2 दशक बाद कराए जा रहे चुनाव के तहत बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, मतदान सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुआ था और यह शाम चार बजे तक जारी रहा। मतगणना 29 जून को होगी।
 
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, मतदान सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुआ था और यह शाम चार बजे तक जारी रहा। मतगणना 29 जून को होगी। नगालैंड राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के साथ शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए।
 
अधिकारियों ने कहा कि मतदान प्रतिशत का आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं हुआ है। पूर्वोत्तर के इस राज्य में यह एक ऐतिहासिक चुनाव है क्योंकि तीन नगरपालिकाओं और 22 नगर परिषद के लिए चुनाव 20 वर्ष के अंतराल के बाद कराया गया। इससे पहले, नगर निकाय चुनाव 2004 में हुआ था।
 
सरकार ने पहले भी कई बार शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव की घोषणा की थी लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षण, भूमि तथा संपत्तियों पर कर के खिलाफ जनजातीय संगठनों और नागरिक संस्थाओं की आपत्तियों के कारण चुनाव नहीं कराया जा सका।
 
इस चुनाव में 1,13,521 महिलाओं सहित 2.23 लाख से अधिक मतदाता 11 राजनीतिक दलों के 523 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव लड़ रहे दलों में एनडीपीपी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), राइजिंग पीपुल्स पार्टी, आरपीआई (आठवले), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल हैं।
 
निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि 420 मतदान केंद्रों पर ईवीएम के बजाय मतपत्रों के जरिए मतदान कराया गया। ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने क्षेत्र के छह जिले में चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। छह पूर्वी जिलों में निवास करने वाली सात नगा जनजातियों की सर्वोच्च संस्था ईएनपीओ ‘फ्रंटियर नगालैंड क्षेत्र’ की मांग करती रही है। उसका दावा है कि इस क्षेत्र को वर्षों से नजरअंदाज किया गया है।
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ईएनपीओ इलाके में 14 नगर परिषद हैं। इस इलाके से 59 नामांकन पत्र स्वीकार किए गए लेकिन आदिवासी संगठनों ने उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया है।ईएनपीओ ने राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को हुए चुनाव में भी भाग नहीं लिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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