नई दिल्ली। इस साल एक इलेक्ट्रिशियन की बेटी से लेकर निर्धनता में गुजर कर रहे 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी बहन समेत दिल्ली सरकार के विद्यालयों से 379 लड़कियों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट उत्तीर्ण की है।
ओखला के नूर नगर के एक ही सरकारी विद्यालय की 23 लड़कियां अपनी इस उपलब्धि पर प्रसन्न हैं, लेकिन उनमें से कुछ और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए फिर परीक्षा देने पर विचार कर रही हैं।
नूर नगर के सर्वोदय कन्या विद्यालय की उप प्राचार्या मुदास्सिर जहां ने कहा, हम उम्मीद कर रहे थे कि हमारी कम से कम 15 छात्राएं यह परीक्षा उत्तीर्ण करेंगी। इतने की हमें आस नहीं थी। उनमें से कुछ छात्राएं तो बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से हैं।
कोई इलेक्ट्रिशियन की बेटी है तो किसी के पांच भाई-बहन हैं और उसे उन्हें पढ़ाना पड़ता है तथा उसके घर में बेहद सीमित संसाधन हैं।जहां ने कहा, कुछ की तो अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए फिर से परीक्षा देने की योजना है क्योंकि वे निजी मेडिकल कॉलेजों के शुल्क का भुगतान नहीं कर सकती हैं।
सत्रह वर्षीय अरिबा नईम ने कहा, कोविड-19 ने हमारे सामने अलग वित्तीय चुनौतियां पेश कीं। मुझे अपने अंदर यह विश्वास पैदा करने में भी वक्त लगा कि मैं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों के जैसा प्रदर्शन कर सकती हूं, जिन्हें सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
रोहिणी सेक्टर 11 के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय की तमन्ना गोयल ने राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा में 720 में 655 अंक हासिल किए। मोलर बंद के सर्वोदय कन्या विद्यालय की 29 लड़कियां और यमुना विहार के बालिका विद्यालयों की 24 लड़कियां उन छात्राओं में शामिल हैं जिन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की। दिल्ली सरकार के विद्यालयों के 569 विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की है जिनमें 379 लड़कियां हैं।(भाषा)