अहमदाबाद। गुजरात कैबिनेट में पसंद का मंत्रालय न मिलने से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद पसंदीदा वित्त मंत्रालय मिलने पर रविवार को अपना कार्यभार संभाल लिया।
इससे पहले पटेल ने अपने आवास पर कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह के समय बात की और मुझे आश्वासन दिया कि मुझे कैबिनेट में मेरे कद के अनुरूप नंबर दो का विभाग दिया जाएगा। पटेल ने कहा कि शाह ने मुझसे मेरे विभागों का कार्यभार संभालने को कहा, इसलिए मैं आज कार्यभार संभाल लूंगा। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी दोपहर के समय राज्यपाल ओपी कोहली से मुलाकात करेंगे और मुझे आवंटित नए विभाग के बारे में पत्र सौपेंगे।
पसंदीदा मंत्रालय मिलने पर कार्यभार संभालने के तुरंत बाद नितिन पटेल अपने समर्थकों से मिलने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मेहसाणा के लिए रवाना हो गए। दोपहर बाद पटेल के मेहसाणा पहुंचने के तुरंत बाद रूपाणी ने गांधीनगर में घोषणा की कि पटेल को वित्त मंत्रालय दिया गया है और मुद्दा अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विभागों में कुछ बदलाव किए हैं।
हमने नितिन भाई को वित्त मंत्रालय दिया है। इसके साथ मुद्दा समाप्त हो गया है। भाजपा जैसे बड़े परिवार में इस तरह की चीजें होती हैं। मैं राज्यपाल को पहले ही पत्र भेजकर उन्हें विभागों में बदलाव के बारे में सूचित कर चुका हूं।’पटेल ने उल्लेख किया कि मामला कुछ विभागों के बारे में नहीं था, बल्कि ‘आत्म-सम्मान’का था।
उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी आलाकमान से कहा था कि या तो मुझे सम्मानजनक विभाग दिए जाएं या मुझे कैबिनेट से कार्यमुक्त कर दिया जाए। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि वे 40 साल से ‘वफादार और अनुशासित’सिपाही की तरह भाजपा के साथ काम कर रहे हैं। रूपाणी के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार में पटेल के पास अन्य विभागों के साथ ही वित्त और शहरी विकास जैसे मंत्रालय भी थे।
हालांकि इस बार वित्त मंत्रालय सौरभ पटेल को दे दिया गया और शहरी विकास मंत्रालय खुद रूपाणी ने अपने पास रख लिया। इस तरह पटेल के पास सड़क एवं भवन निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर और अन्य परियोजना संबंधी विभाग ही रह गए।
विभाग आवंटन को लेकर नाराज नितिन पटेल ने खुद को मिले विभागों का कार्यभार संभालने से मना कर दिया था जिससे शीर्ष भाजपा नेतृत्व को वरिष्ठ पाटीदार नेता को संतुष्ट करने के लिए हरकत में आना पड़ा। रूपाणी ने 28 दिसंबर को विभागों की घोषणा करते हुए कहा था कि यह सच नहीं है कि जिस मंत्री के पास वित्त मंत्रालय है, वह कैबिनेट में नंबर दो का मंत्री है।
नितिन पटेल हमारे वरिष्ठ नेता हैं और वे नंबर दो रहेंगे, वहीं पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा था कि यदि नितिन पटेल 10 अन्य विधायकों के साथ भाजपा छोड़ते हैं और नई सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाते हैं तो वे उन्हें समर्थन देंगे और कांग्रेस नेतृत्व से यह सुनिश्चित करने के लिए बात करेंगे कि पटेल को वह सम्मान मिले जिसके वे हकदार हैं।
हार्दिक ने कहा था कि यदि वे (नितिन पटेल) भाजपा छोड़ने का फैसला करते हैं और 10 अन्य विधायक उनके साथ भाजपा छोड़ने को तैयार हैं तो हम नितिन भाई को वे पद दिलाने के लिए कांग्रेस से बात करेंगे जिसके वे हकदार हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता विर्जी थुम्मार ने भी कहा था कि यदि नितिन पटेल भगवा पार्टी छोड़ते हैं तो उन्हें कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। कांग्रेस ने हालांकि स्पष्ट किया था कि थुम्मार ने यह बात व्यक्तिगत स्तर पर कही है और कैबिनेट में विभाग आवंटन भाजपा का आंतरिक मामला है। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 99 और कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं।