अर्नब गोस्वामी को नहीं मिली अदालत से कोई राहत

Webdunia
गुरुवार, 5 नवंबर 2020 (23:24 IST)
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार की शाम रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्नब गोस्वामी को राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि अदालत मामले को विस्तार से सुनना चाहती है और इसके लिए शुक्रवार दोपहर 3 बजे का समय दिया गया है।
ALSO READ: Arnab v/s udhhav: अर्नब गोस्‍वामी के बहाने ‘बदले की सरकार’ से 4 सवाल अगर वो जवाब दे सकें तो...?
गोस्वामी को बुधवार को, वर्ष 2018 में एक वास्तुकार और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर अलीबाग के एक स्थानीय अदालत में पेश किया था, जहां उन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
 
गोस्वामी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ मामले को खारिज करने का आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने कहा कि जब तक अक्षता नाइक (वास्तुकार अन्वय नाइक की पत्नी) समेत अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस भेजा नहीं जाता और उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता तब तक गोस्वामी को कोई राहत नहीं दी जा सकती।
 
गोस्वामी के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में तर्क दिया कि उनके पेशे के आधार पर पत्रकार के खिलाफ कई मामले लंबित हैं। वकील ने कह कि इन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया और फिर विस्तार से मामले को सुना जाए। अगर गोस्वामी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो क्या महाराष्ट्र में आकाश गिर जाएगा, लेकिन अदालत ने गोस्वामी को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

दिल्ली में 80 हजार और लोगों को मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन: केजरीवाल

23.75 करोड़ में खरीदे गए वैंकटेश बन सकते हैं कोलकाता के कप्तान

नोटों की माला पर झपटा चोर, शादी छोड़ पीछे भागा दूल्हा और पकड लिया

क्या हैं 4 फॉर्मूले जिससे BJP चुन सकती महाराष्ट्र का CM, नया चेहरा या ढाई साल?

UP: 104 बच्चों को तस्करी से बचाने वाली दिल्ली पुलिस की 2 महिला अधिकारी सम्मानित

अगला लेख