Nuh Shobha Yatra case : नूंह जिला प्रशासन ने 15 साधु- संतों और दक्षिणपंथी समूहों के नेताओं को सोमवार को हरियाणा के इस जिले के नल्हड़ इलाके में स्थित शिव मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी। 'सर्व जातीय हिंदू महापंचायत' के 'शोभा यात्रा' के आह्वान के मद्देनजर नूंह को किले में तब्दील कर दिया गया है।
अधिकारियों ने 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर सोमवार को यात्रा की अनुमति नहीं दी, लेकिन स्थानीय लोगों को श्रावण महीने के आखिरी सोमवार को अपने पास के मंदिरों में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और नूंह आ रहे कुछ साधु-संतों को गुरुग्राम में रोक दिया गया।
दिल्ली-गुरुग्राम सीमा से नूंह तक पांच प्रमुख चौकियां स्थापित की गई हैं और मीडिया के वाहनों को तीसरी चौकी से आगे जाने की अनुमति नहीं है। अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या के हिंदू संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य के वाहन को सोहना के पास गमरोज टोल प्लाजा पर रोक दिया गया।
आचार्य ने कहा कि वह और उनके अनुयाई नल्हड़ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सरयू नदी का जल और अयोध्या की मिट्टी ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में वह टोल प्लाजा के पास भूख हड़ताल पर बैठ गए।
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि लगभग 15 साधु-संतों और कुछ हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को नल्हड़ स्थित शिव मंदिर जाने की अनुमति दी गई है और वे वहां जलाभिषेक करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी धर्म देव और स्वामी परमानंद उस समूह में शामिल हैं, जिन्हें मंदिर में जाने की अनुमति दी गई।
नल्हड़ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद यह समूह कुछ स्थानीय लोगों के साथ फिरोजपुर झिरका के झिर मंदिर के लिए रवाना हुआ। बजरंग दल के गुरुग्राम जिला संयोजक प्रवीण हिंदुस्तानी ने बताया कि सीमित संख्या में लोगों ने यात्रा में हिस्सा लिया और वे अब कड़ी सुरक्षा के बीच बस से झिर मंदिर के लिए रवाना हो गए हैं।
इस बीच, हिंदू नेता कुलभूषण भारद्वाज ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने हिंदू नेताओं को नजरबंद कर दिया है। उन्होंने कहा, यह हिंदुओं की आस्था पर हमला है। हिंदू नेताओं को नजरबंद करके हरियाणा सरकार ने उन्हें मुगलों के शासनकाल की याद दिला दी है। भारद्वाज के आवास के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
सोहना से नूंह तक का इलाका पूरी तरह सुनसान है। इस पूरे इलाके में एक भी दुकान नहीं खुली थी और सड़कों पर स्थानीय लोग नजर नहीं आए। नूंह में रहने वाले 30 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, यहां कोई समस्या नहीं है। लोग यहां शांति से रहते हैं और हमने एहतियात के तौर पर अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। हमने देखा कि पिछली बार क्या हुआ था। यहां बिना वजह डर का माहौल बनाया जा रहा है।
नूंह जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोमवार को शैक्षणिक संस्थान और बैंक बंद रखने का आदेश दिया है। मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
किसी भी बाहरी व्यक्ति को नूंह में प्रवेश की अनुमति नहीं है और जिले के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। अर्धसैनिक बलों की 24 कंपनी के अलावा हरियाणा पुलिस के 1900 कर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर अवरोधक लगाए हैं और सुरक्षाबल नूंह में प्रवेश कर रहे सभी वाहनों की गहन जांच कर रहे हैं। दंगा रोधी वाहन एवं ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की यात्रा पर 31 जुलाई को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद नूंह और उसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोग मारे गए थे। तब महापंचायत ने फैसला किया था कि यात्रा नूंह के नल्हड़ से शुरू होगी और फिर फिरोजपुर झिरका के झिर मंदिर और जिले के श्रृंगार मंदिर से होकर गुजरेगी। विहिप ने कहा कि यात्री निकाली जाएगी और इस तरह के धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ हफ्ते पहले हुई नूंह हिंसा का जिक्र करते हुए रविवार को पंचकूला में कहा था कि यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा था, यात्रा में भाग लेने के बजाय लोग जलाभिषेक के लिए अपने-अपने इलाकों के मंदिरों में जा सकते हैं।
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने शोभा यात्रा के आह्वान के मद्देनजर निर्धारित स्थानों पर 57 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन से सहयोग करने की भी अपील की।
हरियाणा पुलिस प्रमुख शत्रुजीत कपूर ने शनिवार को कहा था कि प्रशासन ने तीन से सात सितंबर के दौरान नूंह में होने वाली जी20 शेरपा समूह की बैठक के मद्देनजर और 31 जुलाई की हिंसा के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)