Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्कूल छोड़ने को लेकर केंद्र के आंकड़ों को ओडिशा सरकार ने गलत बताया

हमें फॉलो करें स्कूल छोड़ने को लेकर केंद्र के आंकड़ों को ओडिशा सरकार ने गलत बताया
भुवनेश्वर , मंगलवार, 19 दिसंबर 2023 (17:17 IST)
Odisha government : ओडिशा सरकार (Odisha government) ने मंगलवार को दावा किया कि 2021-22 में राज्य में 10वीं कक्षा में स्कूल की पढ़ाई छोड़ने की दर 27 प्रतिशत थी, न कि 49.9 प्रतिशत, जैसा कि केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने 1 दिन पहले लोकसभा में कहा था।
 
ओडिशा स्कूल शिक्षा कार्यक्रम प्राधिकरण के निदेशक अनुपम शाह ने कहा कि केंद्र के आंकड़ों में 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या शामिल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल और जनशिक्षा विभाग जल्द ही स्कूल स्तर पर पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करेगा।
 
बीच में पढ़ाई छोड़ने के लिहाज से 2021-22 में 10वीं कक्षा में ओडिशा में सबसे अधिक 49.9 प्रतिशत दर दर्ज करने को लेकर एक सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जारी किया गया 'डेटा' पुराना था। शाह ने कहा कि केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों में विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या शामिल नहीं है। ओडिशा में वर्तमान में (2022-23) स्कूल छोड़ने वालों की दर 17 प्रतिशत होगी।
 
उन्होंने बताया कि 'ड्रॉपआउट' दर की गणना 1 वर्ष में कक्षा 11वीं में छात्रों की संख्या और पिछले वर्ष कक्षा 10वीं में समान छात्रों की तुलना करके की जाती है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले और राज्यभर के तकनीकी और व्यावसायिक स्कूलों, पॉलिटेक्निक और मुक्त विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों का कोई उल्लेख नहीं है।
 
केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि 2021-22 तक कक्षा 10वीं में पढ़ाई छोड़ने वालों की दर 20.6 प्रतिशत थी और इस संबंध में ओडिशा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य है जिसके बाद बिहार है। प्रधान ने अपने लिखित जवाब में कहा कि कक्षा 10वीं में 'ड्रॉपआउट' दर ओडिशा में 49.9 प्रतिशत और बिहार में 42.1 प्रतिशत थी। इस बीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने स्कूलों में बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की बढ़ती दर को लेकर राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) नीत सरकार की आलोचना की।
 
भाजपा नेता और विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने कहा कि कक्षा 10वीं के स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की सूची में ओडिशा शीर्ष पर है। यह उन लोगों के लिए शर्म की बात है, जो दावा करते हैं कि उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में तेजी से बदलाव लाया है। ओडिशा ने स्कूली शिक्षा में गिरावट दर्ज की है।
 
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन ने स्कूल छोड़ने वालों की उच्च दर के लिए राज्य सरकार की दोषपूर्ण नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने कुछ सुंदर स्कूल भवनों का निर्माण किया है लेकिन वहां कोई शिक्षक नहीं हैं। अगर शिक्षकों की कमी है तो गरीब परिवारों के छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए कौन प्रेरित करेगा? हरिचंदन ने यह भी आरोप लगाया कि ओडिशा में भारी बेरोजगारी के कारण बड़ी संख्या में छात्र मजदूरी करने दूसरे राज्यों में चले जाते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए ITS के कार्यान्वयन पर जोर