मुंबई। वेतन वृद्धि करने और अन्य मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। खासकर गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) से पहले हुई इस हड़ताल से लाखों यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन और राज्य क्षेत्र के अपने समकक्षों के समान वेतनमान समायोजन की मांग कर रहे हैं। एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 ट्रेड यूनियनों की कार्यसमिति द्वारा आहूत हड़ताल के कारण निगम के कुल 251 बस डिपो में से 63 बस डिपो पूरी तरह बंद रहे और 73 बस डिपो आंशिक रूप से बंद रहे जबकि शेष 115 पूरी तरह संचालित रहे।
शिंदे ने बुलाई बैठक : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बुधवार शाम सह्याद्री गेस्ट हाउस में एमएसआरटीसी ट्रेड यूनियन नेताओं के साथ बैठक बुलाई है। हड़ताल के कारण राज्यभर में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नियमित सेवाओं के अलावा एमएसआरटी की गणेश उत्सव के लिए विशेष बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। यहां 10 दिवसीय गणेश उत्सव 7 सितंबर से शुरू हो रहा है।
एमएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा बुक की गईं 4,300 सेवाओं सहित कुल 5 हजार अतिरिक्त 'त्योहार विशेष बसें' 3 से 7 सितंबर के बीच मुंबई, ठाणे और पालघर खंडों से संचालित करने की योजना थी। बुधवार को 1 हजार से अधिक ऐसी बसें कोंकण के लिए रवाना होने वाली थीं।
एमएसआरटीसी प्रशासन ने कहा कि एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और ट्रेड यूनियनों तथा कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है। निगम ने स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्यूटी पर आने के इच्छुक कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा ऐसी घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें। हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए एमएसआरटीसी निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों पर चालकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta