चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने महान एथलीट मिलखा सिंह के कल रात निधन पर दुख जताया है। उन्होंने आज महान धावक का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया।
मिल्खा सिंह ने कल रात पीजीआई में कोविड से जूझते हुए अंतिम सांस ली। उनके परिवार में एक पुत्र और तीन बेटियाँ हैं। उनका पुत्र जीव मिलखा सिंह प्रसिद्ध गोल्फर है।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सर्वोत्तम एथलीट जिन्होंने भारत के लिए एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतकर देश और पंजाब का नाम रौशन किया, के चले जाने से मुझे निजी तौर पर बहुत दुख हुआ है। पंजाब को अपने इस महान एथलीट पर हमेशा गर्व रहेगा।“
फ्लाईंग सिख के नाम से जाने जाते मिलखा सिंह ओलम्पिक फ़ाईनल में पहुँचने और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले एथलीट थे। वह सौ करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश भारत के आइकॉन खिलाड़ी थे।
उन्होंने 1960 के रोम ओलम्पिक खेल की 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने 1958 की कार्डिफ राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा 1958 की टोकियो एशियाई खेल और 1962 की जकार्ता एशियाई खेल में दो-दो स्वर्ण पदक जीते। मिलखा सिंह ने भारत की तरफ से तीन ओलम्पिक्स (1956 मेलबर्न, 1960 रोम और 1964 टोकियो) में हिस्सा लिया।
भारत सरकार ने खेल जगत में उनके योगदान के लिए देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के साथ सम्मानित किया। कैप्टन सिंह ने शोकाकुल परिवार, सगे-संबंधियों, दोस्तों और खेल प्रशंसकों के साथ दुख साझा करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। ज्ञातव्य है कि उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की कोरोना से 6 दिन पहले मृत्यु हुई जिसके बारे में उन्हें नहीं बताया गया। वे उनसे बात करने की जिद कर रहे थे। (वार्ता)