'कौमी एकता दल' करेगा असदउद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन!

Webdunia
रविवार, 17 जुलाई 2016 (23:46 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के पूर्वी हिस्सों में सियासी असर रखने वाले कौमी एकता दल (कौएद) के अध्यक्ष अफजल अंसारी ने एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन का संकेत देते हुए दावा किया कि अगर ओवैसी भाजपा से करीबी होने का आरोप लगने के कारण ‘अछूत’ हैं तो भगवा दल के साथ कथित तौर पर ‘अंदरखाने हाथ मिलाकर चलने वाले’ सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव अस्पृश्य क्यों नहीं हैं।
कौएद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन के सिलसिले में अगस्त में कोई फैसला लेगी। अंसारी ने उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति की चर्चा करते हुए कहा कि अकेले इतनी बड़ी जंग में ऐलान करना बेवकूफी की बात है, उसके लिए साथी तलाश करने होंगे। 
 
अंसारी चाहते हैं कि सियासत में निजी नेकनामी और बदनामी की वजह से कोई बड़ा फायदा उन फिरकापरस्त ताकतों को नहीं पहुंचे जिनसे लड़ते हुए उन्होंने 35-40 साल का राजनीतिक सफर तय किया है। ऐसी शक्तियों में सपा भी शामिल है।
 
उत्तरप्रदेश में जड़ें जमाने की कोशिश में जुटी ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से गठबंधन की सम्भावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि ओवैसी कोई ‘अछूत’ नहीं हैं। हालात और वक्त की नजाकत इंसान को नए फैसले लेने के लिए मजबूर करती है।
 
ओवैसी के भाजपा के प्रति झुकाव के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने सवाल किया, आप पहले हमें यह बता दें कि क्या समाजवादी पार्टी के लोगों के रिश्ते भाजपा के साथ नहीं है। क्या बसपा के रिश्ते भाजपा के साथ नहीं है। ओवैसी या अफजाल अंसारी को अपने सेकुलर होने के लिए किसी से चरित्र प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। 
 
उन्होंने कहा, अगर ओवैसी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने गए थे, तो क्या मुलायम सिंह नहीं गए थे, क्या यह सवाल सपा मुखिया से नहीं किया जाएगा। क्या मायावती गुजरात नहीं गई थीं, क्या मुलायम सिंह गुजरात नहीं गए थे। लोग हालात और वक्त के हिसाब से फैसले लेते हैं। हम संजीदगी से सोच रहे हैं कि हमारे किसी कदम का फायदा फिरकापरस्त ताकतों को नहीं हो। 
 
सपा पर निशाना साधते हुए अंसारी ने कहा, आपको (सपा) फायदा पहुंचता रहे, आप फिरकापरस्तों से अंदर ही अंदर हाथ मिलाए रहें और हम आपके खिलाफ कुछ ना बोलकर आपको फायदा पहुंचाते रहें। इस मुल्क के मुसलमानों को कभी ना कभी यह सोचना पड़ेगा कि खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली यह पार्टी, मुसलमानों के हितों के प्रति कितनी संजीदा है। 
 
उन्होंने कहा कि सपा के चुनाव घोषणा पत्र को देखें तो पता लगेगा कि मुसलमानों से किए गए कितने वादे पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ‘पूरे हुए वादे, अब हैं नए इरादे’ की बात करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने मुसलमानों के लिए खजाने की गठरी खोल दी है। लेकिन अब इसे खोलने का क्या फायदा है क्योंकि दो महीने बाद ही चुनाव आयोग सक्रिय हो जाएगा।
 
कौएद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन के सिलसिले में अगस्त में कोई फैसला लेगी। उन्होंने ओमप्रकाश राजभर वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (भासपा) से गठबंधन को भाजपा के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि मेहनतकश गरीब तबके के राजभर लोगों की पूर्वाचल के 17 जिलों में खासी आबादी है। करीब 50 विधानसभा क्षेत्रों में 5 से 50 हजार तक राजभर मतदाता हैं। 
 
अंसारी ने दावा किया कि इस बार का विधानसभा चुनाव मजेदार होगा और भाजपा के लिए प्रदेश की सत्ता पर कब्जा कर पाना और सपा का वापस सत्ता में लौट आना बिलकुल भी आसान नहीं होगा। मायावती भी ऐसी स्थिति में नहीं हैं। (भाषा) 
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