मॉनसून अपडेट : बिहार में बाढ़ से अब तक 341 की मौत

Webdunia
मंगलवार, 22 अगस्त 2017 (23:33 IST)
पटना। पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रदेश में 37 और लोगों की मौत हो जाने से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 341 हो गई  है तथा बाढ़ से 18 जिलों की एक करोड़ 46 लाख 19 हजार आबादी प्रभावित हुई है।
 
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का आगामी 26 अगस्त को हवाई सर्वेक्षण करेंगे। सुशील ने ट्वीट करके कहा है कि प्रधानमंत्री बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों का आगामी 26 अगस्त को हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से इस आशय का अनुरोध कल दिल्ली में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बैठक के दौरान किया था। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान सभी भाजपा शासित प्रदेशों से बिहार में बाढ़ राहत कार्य चलाने जाने के लिए अंशदान किए जाने को कहा है।
 
आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 341 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 18 जिलों की एक करोड़ 46 लाख 19 हजार आबादी प्रभावित हुई है।
 
बाढ़ से प्रदेश के 18 जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, एवं खगड़िया प्रभावित हुए। 
 
इसमें अररिया में 75 लोग, पश्चिमी चंपारण एवं सीतामढ़ी में 36, कटिहार में 26, मधुबनी एवं किशनगंज में 23—23, पूर्वी चंपारण, दरभंगा एवं मधेपुरा में 19—19, सुपौल में 15, गोपालगंज में 14, मुजफ्फरपुर में 7, पूर्णिया में 9, खगड़िया एवं सारण में 6—6 तथा शिवहर एवं सहरसा में 4—4 व्यक्ति की मौत हुई है।
 
एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 बोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 बोट के साथ तथा सेना की 7 कालम 630 जवानों और 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
 
राज्य सरकार द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक 761774 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 1085 राहत शिविरों में 229097 व्यक्ति शरण लिए हुए हैं। बाढ़ राहत शिविर में नहीं रहने वालों के लिए 1608 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं जिसमें 452511 लोगों को भोजन कराया जा रहा है।
 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पूर्णिया में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने पूर्णिया में बनाई  गई  फूड पैकेटिंग सेन्टर, बाढ़ राहत शिविर, पशु राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का निरीक्षण किया।
 
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, नीतीश ने पूर्णिया महाविद्यालय में स्थित फूड पैकेटिंग सेंटर पहुंचकर बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए  बनाए जा रहे फूड पैकेट्स में डाली जा रही सभी सामग्रियों का निरीक्षण किया।
 
बाद में मुख्यमंत्री ने डगरूआ के बेलगाछी स्थित बाल मजदूर स्कूल में संचालित बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया तथा वहां शरण लिए हुए लोगों से मुलाकात की तथा उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने उक्त बाढ़ राहत शिविर में संचालित भोजनालय में बनाए जा रहे खानों को देखा एवं निरीक्षण किया।
 
मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे बच्चों से बातचीत की तथा उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं एवं भोजन के संबंध में जानकारी हासिल की। उन्होंने बाढ़ राहत शिविर में चलाए जा रहे स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा उपलब्ध दवाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने डगरूआ में लगाए गए पशु राहत शिविर का भी निरीक्षण किया तथा इसके पश्चात बारसोई में पवन मोटर्स में चलाए जा रही सामुदायिक रसोई का निरीक्षण किया।
 
बिहार मेंबाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर जदयू विधायक रंजू गीमा ने आज अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अपने एक महीने का वेतन बाढ़ राहत कोष में देने को लेकर भाजपा विधायक कल बैठक कर निर्णय करेंगे।
 
पथ निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में बाढ़ के कारण 203 राज्य उच्च पथ क्षतिग्रस्त हुआ था, जिनमें से 95 प्रतिशत का मरम्मत कर उन्हें यातायात के लायक बना दिया गया है। (भाषा)
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