राजस्थान में बाढ़ से 17 लोगों की मौत

Webdunia
रविवार, 30 जुलाई 2017 (22:48 IST)
जयपुर। राजस्थान के जालोर, पाली और सिरोही में बाढ़ संबंधी घटनाओं से अभी तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 11,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
 
राज्य के बाढ़ प्रभावित जालोर, सिरोही और पाली जिलों में हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं, जबकि बाडमेर जिले में भी कुछ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
 
राजस्थान में बाढ़ की हालात और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को सहायता मुहैया कराने में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
 
अधि​कारिक सूत्रों के अनुसार पाली में लगातार वर्षा होने ओैर जवाई बांध से पानी छोड़े जाने के कारण पाली ओैर जालोर में हालात गंभीर बने हुए है। कई गांवों का मुख्य सड़कों और शहरों से सम्पर्क कट गया है। जिला प्रशासन सेना और राहत दल पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने ओैर खाद्य एवं दवाईयां पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
 
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार जालौर, पाली में एनडीआरएफ, सेना और सेना के दो हेलीकाप्टर राहत कार्यों में जुटे हुए है। प्रभावित इलाकों में गाजियाबाद से एनडीआरएफ की दो अतिरिक्त टीमें छह दिनों से राहत एवं बचाव कार्यो में लगी हुई है। 
 
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के अतिरिक्त राहत बचाव दलों की मांग की है। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर कोटा, उदयपुर, जालौर, सिरोही, तथा अन्य जिलों में त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य करने के लिए 6 हेलीकाप्टर तथा सेना को अलर्ट रखा गया है।
 
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब तक 11 हजार से अधिक व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसमें से करीब ग्यारह सौ लोगों को हेलीकाप्टर से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना के हेलीकाप्टर ने पानी में फंसे 42 लोगों को निकाल कर बचाया है।
 
इधर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कल देर रात एक उच्च स्तरीय बैठक में बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा करने के बाद दो टूक शब्दों में निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाई जाए। इसमें कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।
 
अधिकारिक सूत्रों ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ प्रभावित तीनों जिलों में 20 राहत कैम्प स्थापित किए गए हैं, जिनमें 556 लोगों को राहत प्रदान की गई है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस जनहानि के लिए 64 लाख रुपए से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में दी गई है। अकेले जालौर जिले में पशुधन संरक्षण के लिए 19 करोड़ रूपए की राहत दी जा चुकी है।
 
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने समस्त उचित मूल्य दुकानों पर खा़द्यान्न व केरोसीन का आरक्षित स्टाक रखा है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल डीजल का आरक्षित स्टाक तथा घरेलू गैस की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विभाग द्वारा पाली जिले में 7000, जालौर में 2200, सिरोही में 17000 तैयार भोजन के पैकेट तथा 4000 सूखे भोजन के पैकेट व बाड़मेर में 2000 पैकेट व 1000 लोगों को खाने की व्यवस्था की जा रही है।
 
सूत्रों ने बताया कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए चिकित्सकों एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। डेढ सौ मेडिकल टीमों के साथ-साथ वेटनरी टीमों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। 
 
इन इलाकों में 2.95 लाख किसानों के 1310 करोड़ रूपए के लघु अवधि के ऋणों को दीर्घकालिन अवधि वाले ऋणों में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 196.05 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि व्यय करेगी, जिसे भारत सरकार को राहत कार्यों में सहायता के लिए भेजे जा रहे अंतरिम ज्ञापन में शामिल किया गया है। (भाषा)
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