Gujarat : मोरबी केबल पुल हादसे में 141 की मौत, 100 से ज्‍यादा घायल, लापता लोगों की तलाश जारी

Webdunia
सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (07:20 IST)
गुजरात के मोरबी शहर में रविवार की शाम माच्छू नदी पर बना केबल पुल टूटने से महिलाओं एवं बच्चों सहित 141 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए। मीडिया खबरों के मुताबिक मृतकों में 47 लोगों की पहचान हो पाई है।

हादसे में पुल का रखरखाव करने वाली कंपनी के साथ ही प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है। हादसे के समय पुल पर 400- से 500 लोग मौजूद थे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। हादसे की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम बना दी गई है।  
पुल से जुड़े बड़े अपडेट्‍स 
-  गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल देर रात घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। इसके बाद वह अस्पताल भी गए और घायलों का हाल जाना।
 
- भारतीय नौसेना स्टेशन वलसुरा ने बचाव अभियान के लिए 40 से अधिक कर्मियों की एक टीम भेजी है, जिसमें समुद्री कमांडो और नाविक शामिल हैं जो अच्छे तैराक हैं।
- भारतीय नौसेना वायुसेना और सेना की टीमें भी बचाव कार्य में जुटी हैं।
मुआवजे का ऐलान : प्रधानमंत्री मोदी ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, जबकि घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह पटेल ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए जबकि घायलों के लिए 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने घोषणा की।
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प्रधानमंत्री ने जताया दु:ख : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों से मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में बात की। उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने, स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने को कहा। 
 
हेल्पलाइन नंबर जारी : घायलों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की तरफ से हेल्पलाइन नंबर (02822243300) भी जारी किया है।
एक सदी पुराना था पुल : यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद हाल ही में इसे जनता के लिए खोला गया था। अधिकारियों ने कहा कि जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। उन्होंने बताया कि पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। 
 
क्या बोले प्रत्यक्षदर्शी : प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय के इस ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह टूट गया। इससे लोग नीचे पानी में गिर गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल 'लोगों की भारी भीड़' के कारण टूट कर गिर गया हो। उन्होंने बताया कि पुल गिरने के चलते लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मैं अपने कार्यालय समय के बाद दोस्तों के साथ नदी के किनारे आया था जब हमने पुल के टूटने की आवाज़ सुनी। हम वहां पहुंचे और लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए। हमने कुछ बच्चों और महिलाओं को बचाया। घटना में घायल हुए एक व्यक्ति ने कहा कि दुर्घटना अचानक हुई और हो सकता है कि यह हादसा पुल पर बहुत अधिक लोगों के कारण हुआ हो।
 
छुट्टी के कारण उमड़ी भीड़ : दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई थी। एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था।
 
एनडीआरएफ की टीम पहुंची टीमें : दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम नावों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं। नदी में करीब 40-50 लोग हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तीन टीमों को मोरबी जिले में भेजा है।
 
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि वह त्रासदी से दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन द्वारा राहत और बचाव अभियान जारी है। प्रशासन को घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।’’
 
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पुल गिरने से घायल हुए लोगों के इलाज के लिए सिविल अस्पताल में एक ‘आइसोलेशन वार्ड’ भी बनाया गया है।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के संबंध में मुख्यमंत्री पटेल और अधिकारियों से बात की। मोदी इस समय गुजरात में हैं।
 
पीएमओ ने कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) बचाव अभियान के लिए दलों को तत्काल तैनात करने को कहा है। उन्होंने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है।’’
 
नेताओं ने जताया शोक : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुल टूटने की घटना पर दुख व्यक्त किया और अन्य व्यक्तियों को सुरक्षित बचाये जाने की प्रार्थना की। 
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह पुल टूटने की घटना से बहुत दुखी हैं और उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव सहायता देने की अपील की।
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा कि पुल गिरने की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने ने भी सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से घायलों की हर संभव मदद करने की अपील की।
 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता बिनॉय विश्वम ने पुल टूटने की घटना पर भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह घटना राज्य सरकार की "घोर लापरवाही" की ओर इशारा करती है।
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