भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ खुद को आग लगाने वाले साधु विजयदास की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
भरतपुर पहाड़ी के एसडीओ संजय गोयल ने बताया कि 21 जुलाई को आत्मदाह करने वाले साधु विजय दास की शुक्रवार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई है। दास का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था।
भरतपुर भाजपा ने विजय दास को श्रद्धांजलि दी। पार्टी ने ट्वीट कर कहा, नगर के गांव पसोपा में पिछले 553 दिनों से चल रहे ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा क्षेत्र में आने वाले आदिबद्री व कनकांचल पर्वत रक्षा आंदोलन के लिए अपने प्राणों की आहूती देने वाले श्रद्धेय संत विजयदास जी महाराज का इलाज के दौरान दिल्ली में निधन हो गया।
उल्लेखनीय है कि जिले में करीब डेढ़ साल से साधु खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के चलते साधु ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली थी। आत्मदाह करने कोशिश में बाबा विजय दास लगभग 85 प्रतिशत झुलस गए थे।
साधु-संतो द्वारा लगभग 550 दिन से डीग उपखण्ड के पसोपा गांव में धरना दिया जा रहा था। इस मामले में सरकार और जिला प्रशासन के बीच कई बार मीटिंग हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। अवैध खनन के विरोध में मंगलवार को साधु नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गए थे।