किसे मिलेगी साइकल, जल्द होगा फैसला

Webdunia
सोमवार, 9 जनवरी 2017 (17:39 IST)
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश गुट ने चुनाव आयोग से मिलकर चुनाव चिन्ह 'साइकल' और पार्टी के नाम के बारे में जल्दी से जल्दी फैसला करने का आ्रग्रह किया जबकि मुलायम गुट ने आयोग से दूसरी मुलाकात में भी इन पर अपना हक जताया और दावे के समर्थन में हलफनामा पेश किया।
अखिलेश गुट के नेताओं ने तो आयोग से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा जबकि मुलायम 
गुट के नेता इस मुलाकात के बाद चुपचाप चले गए। इस बीच मुलायमसिंह यादव ने राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी को पत्र लिखकर रामगोपाल यादव को सदन में सपा के नेता के पद से हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि श्री रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है।
  
पार्टी के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग से अलग-अलग मुलाकात कर यह दावा किया कि वे ही असली समाजवादी पार्टी हैं और वे ही चुनाव चिह्न के हकदार हैं। पहले मुलायम गुट ने चुनाव आयोग से दोपहर पौने एक बजे मुलाकात 
कर हलफनामा दिया। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद अखिलेश गुट ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात की और इस विवाद 
का जल्दी निपटारा करने का अनुरोध किया। 
 
मुलायम गुट चुनाव आयोग से मिलने के बाद बिना मीडिया से मिले चुपचाप खिसक गया, लेकिन आयोग से मुलाकात के बाद अखिलेश गुट के नेता रामगोनाल यादव ने बताया कि आयोग से पार्टी के चुनाव चिन्ह एवं नाम पर विवाद को जल्दी से जल्दी से समाप्त करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी को राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी हो जाएगी, इसलिए चुनाव आयोग से आग्रह किया गया है कि इस विवाद पर जल्दी से जल्दी से फैसला किया जाना चाहिए।
 
मुलायम गुट ने चुनाव आयोग से आधे घंटे की मुलाकात के दौरान अपने हलफनामे की सात प्रतियां भी पेश कीं। हालांकि चुनाव आयोग से मिलने के बाद मुलायम गुट ने मीडिया से बात नहीं की और आयोग के पिछले द्वार से निकल गए।
 
मुलायमसिंह यादव का कहना है कि असली समाजवादी पार्टी (सपा) उन्हीं की है। इसलिए पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उन्हें ही मिलना चाहिए। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में लखनऊ में बुलाया गया सपा का आपात राष्ट्रीय अधिवेशन गैर कानूनी था। इस अधिवेशन में मुलायमसिंह यादव को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
 
चुनाव आयोग को 17 जनवरी से पहले सपा के नाम और चुनाव चिह्न 'साइकल' के बारे में कोई फैसला लेना
होगा, क्योंकि उत्तरप्रदेश विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए 17 जनवरी को ही अधिसूचना जारी होनी है।

चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं के तहत आयोग किसी पार्टी के भीतर विभाजन या विवाद होने की स्थिति में चुनाव चिह्न जब्त कर लेता है और पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम के बारे में अंतिम फैसला करने में आमतौर पर लगभग छ: महीने का समय लग जाता है। (वार्ता)
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