देहरादून। आज से सभी 1 से 5 तक के स्कूलों को भी खोला जा रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कोरोना के साये में वो कैसे नौनिहालों को स्कूल भेजेन यह दुविधा उनकी बनी हुई है। राज्य सरकार ने आज से प्राइमरी स्कूलों को खोलने का फैसला ले तो लिया है लेकिन इसमे जोखिम कम नहीं है।
देहरादून के जीएमएस रोड स्थित एक निजी स्कूल में कक्षा 9 के छात्र की रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।हालांकि rtpcr टेस्ट में कोविड की पुष्टि नहीं हुई है। बावजूद इसके अभिभावक दहशत और दुविधा में हैं। पहली से 5वीं तक के स्कूल खोलने को तैयार शिक्षा विभाग के आदेशों से आज स्कूल खुल गए।
विभागीय अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा पहले से ही सभी स्कूल खुले हैं। शिक्षक हर रोज स्कूलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अब बच्चों के आने का दिन आ गया है जब प्राइमरी स्कूलों में भी बच्चे स्कूल जाकर पढ़ सकेंगे।
निजी स्कूल एसोसिएशन ने कहा स्कूल खोलने में तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन एक से पांचवी कक्षा तक के स्कूल खुलने पर कोविड गाइडलाइन का पालन करना मुश्किल होगी। प्रदेश में 21 सितंबर से एक से 5वीं कक्षा तक के स्कूल खुलने लगे है। हालांकि अभी सरकारी स्कूलों में ही इसका पालन हो रहा है।
प्राइवेट स्कूलों द्वारा 1 अक्टूबर से इसका पालन किया जा सकता है। निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा स्कूल संचालक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा भी उनके लिए बेहद जरूरी है। एसोसिएशन का कहना है कि स्कूल खोलने की पूरी तैयारी है। लेकिन 1 से 5वीं कक्षा तक के छोटे बच्चों को लेकर कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना असंभव है। ऐसे में कोई बड़ी घटना हो गई तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?