वायनाड। केरल के मेप्पाडी के पास वेल्लारमाला में नदी के किनारे स्थित जिस स्कूल (school) से कभी मनमोहक नजारा दिखाई देता था, वह स्कूल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। दो मंजिला स्कूल में खेल के उस मैदान में अब सन्नाटा पसरा है, जो कभी बच्चों की हंसी से खिलखिलाता रहता था। मुंडक्कई में 30 जुलाई को हुए भयावह भूस्खलन (landslide) की चपेट में आने के कारण स्कूल मलबे में तब्दील हो गया।
49 बच्चे लापता : राज्य सरकार के अनुसार इस क्षेत्र से 49 बच्चे लापता हैं। उनमें से कुछ वेल्लारमाला जी.वी.एच.एस.एस. में पढ़ते थे। स्कूल प्रशासन को अभी तक लापता छात्रों की सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। स्कूल के प्रधानाध्यापक उन्नीकृष्णन इस विभीषिका के कारण बेहद दुखी हैं। वे पिछले 18 वर्षों से स्कूल में कार्यरत थे।
उन्नीकृष्णन ने भरे गले से कहा कि मेरे सहकर्मी मुझे स्कूल जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह एक आम स्कूल नहीं था। हम हर एक यादगार दिन मनाते थे। हमारे लिए हर दिन एक उत्सव था। उनमें से कुछ (छात्र) आपदा में मारे गए हैं।
भूस्खलन में स्कूल के नष्ट हो जाने के बाद इसका एक वीडियो गीत सोशल मीडिया पर आया है जिसे उन्नी मैश (जैसा कि सभी उन्हें पुकारते थे) ने लिखा है। उन्नी मैश ने कहा कि बच्चे परिवार की तरह थे। हम उनमें से ज्यादातर के घर गए हैं। मैंने उनके घरों पर खाना खाया है। हम एक परिवार की तरह रहते थे।
स्कूल के अन्य शिक्षक जब इस भयावह आपदा के बारे में बताते हैं तो उनकी आंखें भर आती हैं और वे कुछ बोल नहीं पाते। जैसे ही वे इस बारे में बात करते हैं तो उन्हें वह पल याद आ जाता है, जब अधिकारियों ने उनमें से कुछ को कुछ शवों की पहचान करने के लिए बुलाया था।
एक अन्य शिक्षक ने कहा कि केवल छात्र ही नहीं, बल्कि उनका परिवार भी बिछड़ गया है। केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 210 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 85 महिलाएं, 96 पुरुष और 29 बच्चे शामिल हैं। घटनास्थल पर अब भी कई लोग लापता हैं।(भाषा)(प्रतीकात्मक चित्र)
Edited by: Ravindra Gupta