अखिलेश के रात्रिभोज में चाचा शिवपाल और राजा भैया

अवनीश कुमार
गुरुवार, 22 मार्च 2018 (08:12 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है तो वहीं समाजवादी पार्टी हर हाल में बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जिताना चाहती है। आंकड़ों के हिसाब से राज्यसभा की 8 सीटें आराम से भाजपा जीत रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी 1 सीट आराम से जीत रही है लेकिन बची 1 सीट को लेकर संघर्ष बहुत ही जोरदार है।
 
बुधवार को जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निवास पर रात्रि भोज का आयोजन कर विधायकों को एक करने का प्रयास किया तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा लखनऊ के होटल ताज में रात्रि भोज की व्यवस्था की गई थी जिसमें समाजवादी नेताओं के साथ-साथ विधायकों की भी मौजूदगी देखी गई।
 
सबसे ज्यादा अगर कोई चर्चा का विषय रहा वह शिवपाल सिंह यादव के साथ साथ रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया थे। जहां रघुराज प्रताप सिंह ने हर कीमत में अखिलेश यादव का साथ देने की बात कही तो वही चाचा शिवपाल भी अपने भतीजे के साथ खड़े नजर आए।
 
सुबह तक अटकले लगाई जा रही थी कि कहीं ना कहीं शिवपाल सिंह की नाराजगी साफ तौर पर रात्रिभोज में दिखाई पड़ेगी और वह नहीं आएंगे लेकिन हुआ इसके विपरीत शिवपाल सिंह अपने अन्य साथी विधायकों के साथ होटल ताज पहुंचे और भतीजे अखिलेश यादव के साथ कदम से कदम मिलाते हुए दिखे भतीजे अखिलेश यादव ने भी चाचा के सम्मान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
 
होटल ताज पहुंचते ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तुरंत चाचा शिवपाल सिंह यादव का आशीर्वाद लेते हुए उन्हें होटल की अंदर की ओर ले गए जहां पहले से ही अन्य मौजूद विधायक ने भी शिवपाल सिंह यादव के सम्मान में खड़े होकर उनका स्वागत किया।
 
समाजवादी खेमे के लिए निर्दलीय राजा भैया और विनोद सरोज का रात्रिभोज में पहुंचना सुकून देने वाला रहा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने खुद माईक से राजा भैया और विनोद के आने व समर्थन देने की जानकारी देते हुए गैरहाजिर विधायकों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा की भोज में आजम खां व उनके पुत्र अब्दुल्ला के न आने की वजह रामपुर में व्यक्तिगत कार्य होना बताया। उन्होंने कहा कि सभी विधायक पार्टी के साथ खड़े हैं।
 
बताते चले की समाजवादी पार्टी पर गठबंधन धर्म निभाने का दबाव बढ़ गया है। राज्यसभा में सपा के सहयोग से ही बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के जीतने की राह आसान हो सकती है.लेकिन नितिन अग्रवाल की बगावत व हरिओम के जेल में बंद होने से सपा के दो विधायक कम हो रहे थे। ऐसे में राजा भैया व विनोद सरोज का सपा के साथ नजर आना भाजपा की सिरदर्दी बन सकता है और समाजवादी पार्टी को बसपा से गठबंधन का धर्म निभाने में आसानी हो सकती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर अमेरिका में ठगी, लूटें 10.49 करोड़, चौंका देगी ये रिपोर्ट

महाराष्ट्र की राजनीति में होगा धमाका, उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के दिए संकेत

मोदी जी! मेरा तो डिमोशन हो गया, उम्मीद है आप जल्द फैसला लेंगे

ट्रंप को झटका, हार्वर्ड मामले में अमेरिकी जज ने दी विदेशी छात्रों को राहत

जानिए कैसा होगा चिनाब ब्रिज से होकर जाने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस का सफर

सभी देखें

नवीनतम

ECI के जवाब पर बोले Rahul Gandhi टालमटोल करने से नहीं बचेंगे, सच बताइए

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को महाकुंभ पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने पर लगाई फटकार

जासूसी मामले में पंजाब के यूट्यूबर की पुलिस हिरासत बढ़ी, ज्योति मल्होत्रा ​​मामले में किया गया था तलब

Trump Vs Musk : एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के संबंधों में क्यों आ रही खटास, साइकोलॉजिस्ट ने बताया कारण

Dhar: जनपद सीईओ पर बलात्कार का आरोप, महिला की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया मामला

अगला लेख