बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी

सुरेश डुग्गर
शुक्रवार, 27 जनवरी 2017 (20:29 IST)
श्रीनगर। पिछले 4 दिनों से कश्मीर में हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है। खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हो रहे हैं। 3 दिनों में बर्फीले तूफान और हिमस्खलन जबरदस्त जानी नुकसान भी कर रहे हैं और साथ ही घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है जिस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा है।
बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है, जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं था, जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो बल्कि हर साल होने वाली बर्फबारी तारबंदी को नुकसान पहुंचाती है और फिर सेना के जवान उसे नए सिरे से खड़ा करते हैं।
 
सेना प्रवक्ता का कहना था कि फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है, क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रुकी नहीं थी तथा वहां तक सेना के जवान पहुंचने में कामयाब नहीं हुए थे। दरअसल, इस बार एलओसी पर कई स्थानों पर 7 से 15 फुट तक बर्फ गिरी है।
 
लेकिन इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुई तारबंदी सेना के लिए मुसीबत इसलिए बन गई है, क्योंकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते रहते हैं। यही कारण है कि तारबंदी के क्षतिग्रस्त होने के बाद सेना को एलओसी पर चौकसी तथा सतर्कता को और बढ़ाना पड़ा है, क्योंकि पूर्व में भी पाक सेना इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती रही है।
 
माना कि एलओसी के वे रास्ते और दर्रे भारी हिमपात के कारण बंद हो चुके हैं जिनका इस्तेमाल घुसपैठियों द्वारा किया जाता रहा है, पर भारतीय सेना कोई रिस्क लेने के पक्ष में नहीं है। यही कारण है कि भीषण हिमपात, भयानक सर्दी और माइनस तापमान के बीच सैनिक सतर्कता और चौकसी के लिए गश्त को नहीं रोक पा रहे हैं। भयानक सर्दी में भी ऐसा करना उनकी मजबूरी है, क्योंकि दुश्मन चालाक और चतुर है, जो हमेशा मौके की तलाश में रहता है।
 
यही कारण था कि भारी बर्फबारी के बावजूद सेना एलओसी की उन पोस्टों से अपने जवानों को हटाने को तैयार नहीं थी, जो कई फुट बर्फ के नीचे दब गई हैं। रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि असल में तारबंदी भी बर्फ के नीचे दफन हो गई है और इन पोस्टों से सैनिकों को हटा लिए जाने का मतलब साफ होता कि घुसपैठियों को कश्मीर की एलओसी पर दूसरा कारगिल प्रकरण तैयार करने का मौका प्रदान करना।
 
इसे भुला नहीं जा सकता कि तारबंदी पाक सेना के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन चुकी है, क्योंकि इसने आतंकियों के कदमों को रोक दिया है। यही कारण है कि पकड़े गए आतंकी पूछताछ के दौरान रहस्योद्घाटन करते हैं कि उस पार प्रशिक्षण शिविरों में गोला-बारूद दागने के अतिरिक्त तारबंदी को फांदने और उसे काटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। और मारे गए आतंकियों के कब्जे से ऐसे औजार अक्सर बरामद किए गए हैं, जो तारबंदी को काटने में काम आते हैं। इसे आधिकारिक तौर पर माना जा रहा है कि आतंकी कई बार तारबंदी को काट घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।
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