Statement of Himanta Biswa Sarma regarding floods : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति के लिए भौगोलिक कारकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन पर राज्य का कोई नियंत्रण नहीं है। कामरूप जिले में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ की दूसरी भीषण लहर की मुख्य वजह पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में बादल का फटना है।
यह हमारे नियंत्रण के बाहर है : उन्होंने कहा कि चीन, भूटान और अरूणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में भारी वर्षा के कारण असम में बाढ़ आई है और यह हमारे नियंत्रण के बाहर है। सरमा ने कहा कि इन सालों में बाढ़ नियंत्रण के कई कदम उठाए गए हैं तथा (बाढ़ का) प्रभाव एवं लोगों की परेशानियां भी काफी कम हुई हैं लेकिन हमें हरसंभव तरीके से प्राकृतिक परिणामों से निपटना है।
मुख्यमंत्री ने गराल भट्टपारा गांवबुराह घाट पर स्थिति की समीक्षा की तथा खना नदी पर धारपुर जंगारबाड़ी गेट का मुआयना भी किया। उन्होंने लोगों को क्षतिग्रस्त तटबंधों और सड़कों की मरम्मत कराने तथा राहत शिविरों में ठहरे लोगों को खाने-पीने की चीजें एवं दवाइयां उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
सरमा बाढ़ के पानी में डूबे क्षेत्रों में लाइफ जैकेट पहने एक रबर बोट में अधिकारियों के साथ घूमते नजर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बृहस्पतिवार को माजुली जाएंगे जहां तटबंध टूट गया है और काफी बड़ा क्षेत्र पानी में डूब गया है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन लगे हैं कि तटबंध और कहीं न टूटे।
निरंतर वर्षा होती रही तो स्थिति गंभीर बनी रहेगी : उन्होंने कहा कि कई प्रभावित जिलों में वर्षा में कमी आई है और यदि ऐसा ही रूझान जारी रहा तो स्थिति एक सप्ताह में सुधरने की उम्मीद है। सरमा ने कहा कि लेकिन यदि जलग्रहण क्षेत्रों में निरंतर वर्षा होती रही तो स्थिति गंभीर बनी रहेगी और फिर हमें उस हिसाब से उससे निपटना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की सबसे बड़ी ताकत उनका धैर्य है तथा यह वैसे समय में नजर आता है जब बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों से हम सामूहिक रूप से निपटने की ठान लेते हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ऊपरी असम के गोलाघाट जिले और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour