हल्द्वानी। हल्द्वानी शहर में गफूर बस्ती की रेलवे की जमीन से प्रशासन की 10 जनवरी से अतिक्रमण हटाने की तैयारी है। अतिक्रमणकारियों में से कुछ दशकों से वहां रह रहे हैं और अब वे इस बार आए अदालत के आदेश का विरोध कर रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने रेलवे की 2.2 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बने घरों और अन्य ढांचों को गिराने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों से लाइसेंसी हथियार जमा करने को कहा है। अतिक्रमण हटाने का मामला सोमवार को प्रभावित लोगों की और से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। प्रशासन और रेलवे ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर 10 जनवरी से पूरा अतिक्रमण हटाने की प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसका भारी विरोध हो रहा है।
20 दिसंबर को हाईकोर्ट ने इस जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है तभी से इसका भारी विरोध हो रहा है। इस विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने कहा कि अब 10 जनवरी से भारी पुलिस बल व अन्य तमाम संसाधनों के साथ अतिक्रमण हटाया जाएगा। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमीत हृदयेश और उनके साथ 10 अन्य लोग अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाने व काबिज लोगों को कहीं और बसाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मदद मांगने दिल्ली पहुंचे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेसी दिग्गज सलमान खुर्शीद ने इस मामले में प्रभावितों की ओर से याचिका दाखिल कर दी है।
फिलवक्त सुप्रीम कोर्ट बंद है और इस याचिका को सुनने के लिए 5 जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है।
कांग्रेस उत्तराखंड में विपक्ष में है और इस जमीन पर काबिज लोगों का कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का वोटर माना जाता है।
चर्चा इस बात की भी तेज है कि काबिज लोगों से इसी कारण बीजेपी और उसकी प्रदेश में सरकार सुरक्षित दूरी बनाए हुए है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी यह आरोप लगाया है कि राज्य सरकार इनके पुनर्वास के लिए कुछ नहीं कर रही है।
Edited by: Ravindra Gupta