एक ऐसा मंदिर, जहां भक्त करते हैं 4 देवियों की आराधना!

अवनीश कुमार
कानपुर। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो गई। सभी देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। चारों तरफ मातारानी के जय-जयकारे लग रहे थे, तो वहीं उत्तरप्रदेश के कानपुर में शिवला स्थित ऐतिहासिक तपेश्वरी मंदिर पर भक्तों ने 4 देवियों की पूजा-अर्चना की।
 
मान्यता है जिन महिलाओं की गोद सूनी होती है, वे यहां आकर हाजिरी लगाएं तो उनकी मुराद मातारानी की कृपा से पूरी हो जाती है। इसी के चलते इस मंदिर पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आती हैं और उनका मुंडन और कनछेदन करवाती हैं।
 
क्या है मंदिर का इतिहास : बिरहाना रोड पटकापुर स्थित मां तपेश्वरी देवी का मंदिर रामायणकाल से जुड़ा है। मान्यता है कि इस मंदिर में माता सीता ने आकर तप किया था और लवकुश मुंडन और कनछेदन का शुभ कार्य भी यहीं किया गया था। मंदिर के पुजारी रामलखन ने बताया कि माता सीता बिठूर से आकर इस मंदिर में तप करती थीं। यहां पर एक मठ भी निकला जिसको माता सीता के नाम से जाना जाता है। 
 
नवरात्रि में हर दिन यहां हजारों भक्त दर्शन को आते हैं। पुजारी के मुताबिक जिन दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती, वे यहां आकर चारों देवियों के दर पर माथा टेकते हैं। मातारानी की कृपा से अगले साल शारदीय नवरात्रि पर उनके आंगन में बच्चे की किलकारियों की गूंज सुनाई देती है और वे उन्हें लेकर मंदिर आते हैं और विधि-विधान से मुंडन और कनछेदन करवाते हैं। 
 
रहस्य बरकरार : मंदिर के पुजारी ने बताया कि सैकड़ों साल पहले मां सीता कानपुर के बिठूर कस्बे में ठहरी थीं। यहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था। मां सीता ने भगवान राम को पाने के लिए यहां पर तप किया था। मां सीता के साथ 3 अन्य कमला, विमला आदि महिलाओं ने तप किया था। इसी के चलते इसका नाम 'तपेश्वरी मंदिर' पड़ा। इस मंदिर पर 4 देवियां कमला, विमला, सरस्वती और मां सीता विद्यमान हैं, मगर ये कोई नहीं जानता कौन-सी मूर्ति किसकी है? ये रहस्य आज भी बना हुआ है कि इन चारों मूर्तियों में कौन-सी मूर्ति माता सीता की है? 
 
भक्तों की जुबानी : इस मंदिर में पूजन करने आने वाली महिला भक्तों में किरण पांडेय के मुताबिक वे पूरे नवरात्र माता तपेश्वरी का दर्शन-पूजन जरूर करती हैं। वे पिछले 20 सालों से इस मंदिर में आ रही हैं। वहीं एक भक्त पूजा गुप्ता के मुताबिक इस मंदिर में वे दर्शन-पूजन के लिए तब से आ रही हैं, जब वे महज 10 साल की थीं। 
 
हालांकि इन्होंने ये नहीं बताया कि इनकी कोई मनोकामना पूरी हुई या नहीं, मगर इनका मानना है कि इस मंदिर में देवी मां के दर्शन करने से आज तक इन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। घाटमपुर से आए तिवारी दंपति ने बताया कि मां की कृपा से उनके घर पर बच्चे की किलकारियों की गूंज सुनाई दी है। इसी के चलते उसका कनछेदन करवाने के लिए आए हैं। 
 
सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त : नवरात्रि के लिए मंदिर में खास इंतजाम किए गए हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलल लाइनें हैं। बैरिकेटिंग, सीसीटीवी कैमरे, मंदिर की धुलाई सभी चीजें सुचारु रूप से व्यवस्थित की गई हैं। मंदिर के पट भोर पहर 4 बजे से खोल दिए जाते हैं। प्रशासन की व्यवस्था भी चाक-चौबंद देखने को मिल रही है। मंदिर के बाहर एक पुलिस कैंप की भी व्यवस्था की गई है। 
Show comments

जरूर पढ़ें

Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी

प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्‍यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्‍या है उनका बंगला कनेक्‍शन

UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां

क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे

सभी देखें

नवीनतम

Tejaswi Yadav: क्या बिहार चुनाव में नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार का चक्रव्यूह तोड़ पाएंगे तेजस्वी यादव?

महागठबंधन का बिहार बंद, राहुल और तेजस्वी का EC दफ्तर तक मार्च

मोनिका कपूर को सीबीआई ने अमेरिका से किया गिरफ्तार, आर्थिक अपराध के बाद 27 साल से थी फरार

LIVE : महागठबंधन का बिहार बंद, राहुल और तेजस्वी का EC दफ्तर तक मार्च

गुजरात के वडोदरा में बड़ा हादसा, पुल ढहने से 3 की मौत

अगला लेख