गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए इंजीनियर ने बेचा घर

Webdunia
एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लग जाना और अपना घर होना, किसी सपने के पूरा होने जैसा है। क्या आप सोच सकते हैं कि कोई इन दोनों चीजों को छोड़ सकता है ताकि गांवों में बच्चों की शिक्षा हो सके? 



फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
40-वर्षीय, जर्मनी की सॉफ्टवेअर कंपनी में काम करने वाले प्राजंल दुबे ने अपने गांवों में बच्चों को शिक्षा दिलाने के सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी और अपने घर को बेच दिया। 
 
उनका सपना अपने पैतृक गांव में बच्चों को शिक्षा देने का था। जिससे वहां के बच्चों को अच्छी नौकरियां और अच्छी जिंदगी मिल सके। उनका गांव देवास (मध्यप्रदेश का एक शहर) के पास सांदलपुर है। उनके गांव के 100 से अधिक युवा मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं। 
 
सांदलपुर में उन्होंने एक कॉलेज की शुरूआत की। छह सालों की कठिन मेहनत के बाद, उनके गांव के कई छात्र मल्टीनेशनल कंपनी में लग चुके हैं। 

फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल के ताजा दाम जारी, जानें आपके नगर में क्या हैं कीमतें

कन्नौज में एक्सप्रेस वे पर बड़ा सड़क हादसा, 5 डॉक्टरों की मौत

बजरंग पुनिया पर 4 साल का बैन, डोप टेस्ट सेंपल देने से किया था इनकार

LIVE: संसद में आज भी अडाणी मामले में हंगामे के आसार, कांग्रेस ने दिया कार्य स्थगन का नोटिस

उत्तर भारत में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, दिल्ली एनसीआर में AQI बेहद खराब श्रेणी में

अगला लेख