राजद में आत्ममंथन, तेजस्वी के बचाव में तेज प्रताप ने ईवीएम पर फोड़ा हार का ठीकरा

Webdunia
बुधवार, 29 मई 2019 (17:25 IST)
पटना। लोकसभा चुनाव में बिहार में विपक्ष के महागठबंधन की करारी हार आत्ममंथन का दौर शुरू हो गया है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने समीक्षा बैठक बुलाई है। यह बैठक आरजेडी नेता राबड़ी देवी के आवास पर होगी, जिसमें आरजेडी विधायक और एमएलसी शामिल होंगे। चर्चा यह भी है कि तेज प्रताप यादव भी बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने हार के दो कारण बताए पहला यह कि उनकी बात नहीं मानी गई और दूसरा यह कि इस करारी हार के लिए उनहोंने ईवीएम को सबसे बड़ा कारण बताया।
 
तेज प्रताप ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के लिए ईवीएम पर ठीकरा फोड़ दिया। तेज प्रताप ने कहा, 'सोशल मीडिया में ऐसे कई वीडियो वायरल हुए जिसमें देखा गया कि ईवीएम के साथ कैसे हेरफेर की गई। यहां तक कि ईवीएम बनाने वाली जापानी कंपनी को भी इस पर यकीन नहीं है।' इससे पहले आरजेडी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने कहा था कि तेजस्वी को इस्तीफा देना चाहिए। अब तेजस्वी का बचाव करते हुए उनके भाई तेज प्रताप ने कहा कि जिसको तेजस्वी के नेतृत्व पर शक है, वह आरजेडी छोड़ दे। वह तेजस्वी के साथ खड़े हैं और हमेशा रहेंगे।
 
तेज प्रताप ने अपना समर्थन देते हुए तेजस्वी को लिखा- आपको ही नेता प्रतिपक्ष बने रहना है और जो लोग आपके इस्तीफे की बात कर रहे हैं मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं। मैं EVM हटाओ, देश बचाओ के लिए आंदोलन करने जा रहा हूं।
 
तेज ने तेजस्वी को लिखी चिट्ठी
तेज ने तेजस्वी को एक चिट्ठी भी लिखी जो सोशला मीडिया पर काफी वायरल हुई। इस चिट्ठी में तेज प्रताप ने लिखा था, 'मैंने आपको बार-बार आगाह किया लेकिन मेरी एक न सुनी गई। मैं आज भी आपके नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मजबूती के साथ एकजुट होकर आपसी सामंजस्य बनाते हुए लड़ने की बात कर रहा हूं।' 
 
तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए तेज प्रताप ने लिखा था, मैंने बार-बार आपको इर्दगिर्द के लोगों से सावधान रहने को बोला। हार की जिम्मेदारी उन्हें देनी चाहिए, जिन्होंने टिकट बांटे। आपको नेता प्रतिपक्ष बने रहना है, जो आपके इस्तीफे की बात कर रहे हैं, मैं उनका पुरजोर विरोध करता हूं।
 
इससे पहले मंगलवार को तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी का बचाव करते हुए कहा था कि वह हमेशा उनका साथ देंगे। तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी को एक चिट्ठी लिखने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था, 'जिन्हें तेजस्वी का नेतृत्व पसंद नहीं है, वह आरजेडी या महागठबंधन से अलग हो सकते हैं। मैं हमेशा तेजस्वी के साथ खड़ा रहूंगा।' 
 
गौरतलब है कि चुनाव भर एक-दूसरे को कृष्ण और अर्जुन बताने वाले तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच की लड़ाई सड़क पर आ गई थी। अपनी पार्टी से साइडलाइन किए जाने का आरोप लगाते हुए तेज ने अपना अलग मोर्चा भी खोल लिया था जिसके तहत उन्होंने बिहार की दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसके अलावा तेज ने आरजेडी की तरफ से सारण सीट से अपने ससुर चंद्रिका राय को कैंडिडेट बनाए जाने के बाद उनके खिलाफ लगातार बयानबाजी की थी।

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