हमला तो होगा, लेकिन आतंकी शिविरों पर

सुरेश डुग्गर
गुरुवार, 22 सितम्बर 2016 (20:20 IST)
श्रीनगर। उड़ी हमले का बदला लेने की खातिर भारत पाकिस्तान पर हमला बोलेगा परंतु सिर्फ आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों पर। हालांकि वह इस हमले के परिणामों से भली-भांति अवगत है जिस कारण वह सीमाओं पर सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के लिए सेना को तैनात कर रहा है। वैसे पाकिस्तान द्वारा सीमाओं पर सेना का जमावड़ा करने की पहल की गई है क्योंकि वह जानता है कि भारत उड़ी पर हुए हमले का बदला अवश्य लेगा।
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सीमाओं पर फौजों तथा सैनिक साजों सामान की तैयारी हालांकि किसी जंग की खातिर नहीं है बल्कि हमले का बदला लेने के लिए की जाने वाली जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से जिस युद्ध को छेड़े जाने की संभावना है, उसका मुकाबला करने के लिए है।
 
रक्षा सूत्रों के अनुसार, पाक कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवाद के ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने की खातिर भारतीय सेना ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि एक सूत्र के अनुसार, ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने तथा उसके परिणामों से देश को बचाने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के लिए भारतीय सेना ने 20 से 30 दिनों का समय मांगा है और यह संभावना बढ़ती जा रही है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में फसलों की कटाई के तुरंत बाद हमले का आगाज हो सकता है।
 
रक्षाधिकारियों के अनुसार, पाक कब्जे वाले कश्मीर में स्थित ट्रेनिंग कैम्पों पर प्रहार करने की खातिर जो तैयारियां की गई हैं उनमें मिसाइलों की तैनाती से लेकर बोफोर्स तोपों की तैनाती तो शामिल है ही सेना की कई कमांडों यूनिटों को भी इसके लिए तैयार रखा गया है, जिन्हें उनके टास्क के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है।
 
फिलहाल यह सुनिश्चित नहीं है कि आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्रों पर हमले के लिए सभी विकल्पों का एक साथ इस्तेमाल होगा या फिर बारी-बारी से उनका प्रयोग किया जाएगा। इन ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला कर उन्हें तबाह करने के लिए जो विकल्प सुझाए जा रहे हैं उनमें सबसे प्रमुख जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल तो है ही कमांडो रेड भी शामिल हैं। हालांकि सेनाधिकारियों का विचार है कि सबसे पहले भारत को बिना एलओसी को लांघे ट्रेनिंग कैम्पों को तबाह करने की कोशिश करनी होगी, जिसके लिए मिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल ही सबसे बेहतर माना जा रहा है।
 
यही नहीं, मिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों के बाद कमांडो रेड तथा हवाई हमलों के विकल्प को भी खुला रखा गया है। इन दोनों विकल्पों का इस्तेमाल उसी स्थिति में किया जाएगा जब पहले वाले दो विकल्पों से जो ट्रेनिंग कैम्प बच जाएंगे उन्हें नष्ट करने की खातिर।
 
सूत्रों के अनुसार, भारत इन प्रशिक्षण केंद्रों को तबाह करने के लिए बाद वाले दो विकल्पों का इस्तेमाल करने से परहेज करता है क्योंकि वह जानता है कि उसका अर्थ दुनिया एलओसी को लांघने के रूप में लेगी जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा अमेरिका द्वारा भी आतंकवाद के खात्मे की मुहिम के तहत किया जा चुका है।
 
यह बात अलग है कि पाकिस्तान भारत के उस प्रत्येक कदम को अपनी संप्रभुता पर हमले के रूप में लेने की बात कर रहा है जो भारत द्वारा आतंकवाद के प्रशिक्षण केंद्रों को समाप्त करने के लिए उठाए जाने की बात हो रही है। यही कारण है कि सीमाओं पर जबरदस्त तनाव की स्थिति में मिनी युद्ध होने का खतरा मंडराने लगा है।
 
जबकि सच्चाई यह है कि भारत सरकार अपने प्रत्येक उठाए जाने वाले कदम का परिणाम जानती है। वह जानती है कि उसका कोई भी कदम या विकल्प पाकिस्तान के साथ युद्ध के रूप में सामने आएगा। नतीजतन इन परिणामों को ध्यान में रखते हुए ही भारत द्वारा सीमाओं पर सेनाओं को युद्ध के लिए तैयार रखा गया है। हालांकि सेना की तैनाती की पहल पाकिस्तान द्वारा ही गई है।
Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

US के बाद EU के Tax Plan ने निकाली चीन की चीख

क्या आपको पता है आर्मी और मिलिट्री में अंतर? समझिए दोनों में क्या है फर्क

मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम, कटनी, ओरछा, सिवनी, शाजापुर और श्रीधाम अमृत स्टेशनों का हुआ उद्घाटन

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्‍तान हुआ बर्बाद, एयरबेस से लेकर सुपरसोनिक विमानों तक, ऐसे हुआ 1.12 अरब डॉलर का नुकसान

J&K: किश्तवाड़ में 2 आतंकी ढेर, 2 के साथ मुठभेड़ जारी, 1 जवान भी शहीद

अगला लेख